सौर मंडल में पृथ्वी के सबसे नजदीकी ग्रह शुक्र (Venus) पर जीवन होने के संकेत मिले हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बात की संभावना जताई गई है कि शुक्र ग्रह पर सूक्ष्म जीव हो सकते हैं। हालांकि, शुक्र ग्रह बहुत ही जरहीला और गर्म है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दावा किया कि शुक्र ग्रह (Venus) के बादलों में फॉस्फीन गैस मिली है, जिसकी वजह से वहां जीवन होने की संभावना बढ़ गई है। पृथ्वी पर फॉस्फीन गैस को माइक्रोबैक्टीरिया ऑक्सीजन की कमी में उत्सर्जित करते हैं, इसलिए वैज्ञानिकों को लगता है कि इस ग्रह पर जीवन हो सकता है। वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा नहीं किया है कि Venus ग्रह पर जीवन है, लेकिन उन्होंने इसकी संभावना जताई है कि शुक्र ग्रह के ऊपरी वातावरण में बैक्टीरिया जैसे जीव हो सकते हैं।
नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित इस रिपोर्ट में इस शोध के मुख्य वैज्ञानिक और कार्डिफ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर जेन ग्रीव ने कहा कि इस खोज से मैं बहुत हैरान था। वास्तव में मैं इसे देखकर दंग रह गया कि Venus पर फॉस्फीन गैस कहां से आ गया, क्योंकि इसे तो ऑक्सीजन की कमी होने पर केवल बैक्टीरिया ही उत्सर्जित करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक इंटरनेशनल टीम ने हवाई में जेम्स क्लार्क मैक्सवेल टेलीस्कोप (James Clerk Maxwell Telescope- JCMT) का उपयोग करते हुए शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन गैस का पता लगाया और चिली में एटाकामा लार्ज मिलिमीटर एरे रेडियो टेलीस्कोप (ALMA Radio Telescope) के जरिए इसकी पुष्टि की। वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि शुक्र ग्रह के बादलों में यह गैस बहुत बड़ी मात्रा में है। स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर और रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष वैज्ञानिक एलेन डफी ने कहा कि यह पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन की मौजूदगी के होने का सबसे रोमांचक संकेत है।
Everything you need to know about the exciting announcement that phosphine has been detected in the atmosphere of Venus. Let's start off with the 60 second overview.. #Venus #VenusNews pic.twitter.com/56dlo7puaZ
— Royal Astronomical Society (@RoyalAstroSoc) September 14, 2020
इसलिए हैरान हैं वैज्ञानिक
शुक्र की सतह पर औसत तापमान 464 डिग्री सेल्सियस है और यहां अधिकतम तापमान 900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। ऐसे में वहां किसी जीव का होना मुमकिन नहीं दिखाई देता। इसके अलावा पृथ्वी के मुकाबले वहां दवाब भी 92 गुना ज्यादा है। शुक्र ग्रह पर सांस लेने लायक हवा तो है ही नहीं, बल्कि वहां के वातावरण में 75-95% सल्फ्यूरिक एसिड के वाष्प हैं, जिसे किसी भी तरह के जीवन के लिए एकदम घातक माना जाता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का यब भी मानना है कि Venus का ऊपरी वातावरण कम अम्लीय (acidic) है और वहां माउक्रोब्स (microbes) हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के बाद जीवन के लिए सबसे अनुकूल मंगल ग्रह (Mars) है। यही वजह है कि दुनियाभर के देश मंगल ग्रह पर खोज कर रहे हैं और अपने यान वहां भेज रहे हैं।