भारत और रूस ने मिलकर सुपरसोनिक क्रूज मीडियम रेंज मिसाइल ब्रह्मोस को विकसित किया है। अग्नि के सिद्धांत पर काम करने वाली और 450 किलोमीटर की रेंज वाली इस मिसाइल में 200 किलो तक के पारंपरिक वारहेड ले जाने की क्षमता है।
मिसाइल को 10 बजकर 27 मिनट पर आईटीआर के लॉन्च कॉम्पलेक्स-3 से दागा गया। नौ मीटर लंबी और 670 मिमी व्यास वाली मिसाइल का कुल वजन लगभग तीन टन है।
यह एक जहाज से दागे जाने पर ध्वनि की गति से 14 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है। यह एक ठोस प्रणोदक द्वारा चार्ज की जाती है और 20 किलोमीटर की दूरी पर अपना मार्ग बदल सकती है।
भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर मिसाइल का नाम ब्रह्मोस रखा गया है। यह कंपनी भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिया का साझा उद्यम है।
मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परक्षीण 11 मार्च 2017 को किया गया था। तब इसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। 30 सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित आईटीआर से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था।