नई दिल्ली (IP News). सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कोयला खदानों के सुचारू संचालन के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए एकल खिड़की निपटान प्रणाली वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। कोयला खदानों के सुगम संचालन के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए ये एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। राज्य स्तर पर अलग-अलग नियामकों से मंजूरी लेने के कारण कोयला खदानों के विकास में देरी होती थी। इस कारण से केंद्र सरकार ने सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए एकल खिड़की निपटान प्रणाली की शुरुआत की। इस दौरान कमर्शियल माइनिंग की ई- नीलामी के तहत 19 कोल ब्लाॅक प्राप्त करने वाले बोलीदाताओं के साथ समझौता निष्पादन भी किया गया।
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया में कोरोना के खिलाफ सरकारों ने लड़ाई लड़ी है। पर हमारे देश की खूबसूरती यह है कि यहां सरकार और देश की जनता ने साथ मिलकर वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग लड़ी और सफलता हासिल की।
साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि देश ने पीएम मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में प्रगति की है। जहां आत्म निर्भर भारत मिशन के तहत कोयला क्षेत्र में भी 729 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन साल 2019 -2020 में प्राप्त किया जा चुका है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 तक कोयला क्षेत्र ब्यूरोक्रेसी में फंसा दिखाई पड़ता था, पारदर्शिता का अभाव था, करप्शन के कई आरोप भी लगे थे। उस समय तक इस क्षेत्र में काम करना बेहद मुश्किल था, लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई बदलाव किए और आज कोयला क्षेत्र में पूर्ण पारदर्शिता के साथ ही सबके लिए समान अवसर उपलब्ध हैं। हमारे पास सबसे ज्यादा इंटेलिजेंट और पढ़ा-लिखा युवा, मेहनतकश मजदूर होने के साथ साथ एक पारदर्शी लोकतंत्र भी है।
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने कोयला सुधारों के साथ-साथ आज कोयला क्षेत्र में 23 समझौते और 19 लोगों को उसके अधिकार पत्र सौंपे गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने उल्लेखनीय कार्य किया है और उन्हें अपार हर्ष हो रहा है कि आज देश एक नए भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। देश की पहली वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के अंतर्गत 19 सफल बोलीदाताओं को खदानों का आवंटन हुआ है। इससे राज्यों को प्रतिवर्ष करीब 6,500 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व मिलेगा और 70,000 से ज्यादा नौकरियों का सृजन भी होगा। साथ ही 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का निवेश भी होगा। उन्होने कहा कि कोयला के पीएसयू प्लान के तहत अगले एक दशक में करीब लगभग 2.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा और पीएसयू-प्राइवेट प्लान के अंतर्गत करीब 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की आशा है। इसके लिए रोड मैप भी तैयार है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी प्रक्रिया से देश के मध्य और पूर्वी जनजातीय इलाकों में विकास का रास्ता खुलेगा। मोदी सरकार से पहले पश्चिम भारत की तुलना में पूर्वी भारत का विकास उतनी गति से नही हुआ जितना होना चाहिए था। मोदी सरकार ने देश के हर क्षेत्र के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों का विकास सुनिश्चित किया है। सरकार ने खदानों के पास रहने वाले लोगों के लिए 46,000 करोड़ रुपये के डिस्ट्रिक्ट मिनरल डेव्लपमेंट फ़ंड की रचना की है जिसमे जिलों के विकास और उनमें सबसे कम विकसित गाँवों पर मुख्य ज़ोर दिया गया है। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी, दलित, पिछड़े और गरीब लोगों के विकास का काम हुआ है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कोयला क्षेत्र में कई सारे सुधार किए हैं। सरकार ने व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए कई कानून बनाए हैं।