कोरबा (आईपी न्यूज)। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) प्रबंधन के सहयोग से दृष्टिहीन और श्रवणबाधित युवाओं के लिए राज्य का पहला कौशल प्रशिक्षण केंद्र कोरबा में प्रारंभ किया गया है। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर लोकार्पित ‘वेदांता कॉलेज एंड रीहैबिलिटेशन सेंटर फॉर डेफ एंड ब्लाइंड’ इनरव्हील एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित की जाएगी। केंद्र में दिव्यांग युवा ब्यूटीशियन, हॉस्पिटैलिटी, कंप्यूटर और सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वावलंबी बन सकेंगे।
कोरबा के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों के बीच आकर उन्हें प्रसन्नता हुई। उन्होंने ‘वेदांता कॉलेज एंड रीहैबिलिटेशन सेंटर फॉर डेफ एंड ब्लाइंड’ के निर्माण में बालको के योगदान की दिल खोलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि केंद्र की मदद से दिव्यांग कौशल अर्जित कर खुद के पैरों पर खड़े हो सकेंगे। प्रशिक्षित दिव्यांग युवा दूसरे दिव्यांगों को भी प्रेरित कर सकेंगे। उन्होंने दिव्यांगों का आह्वान किया कि वे इस सुविधा का भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के प्रति हमें अपना नजरिया व्यापक और समावेशी बनाने की जरूरत है। श्री मीणा ने अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफेन हॉकिंग जैसे महान वैज्ञानिकों का उदाहरण देते हुए कहा कि न सिर्फ समाज बल्कि पूरी दुनिया को दिशा देने का काम अनेक दिव्यांगों ने किया है। बालको के सीईओ व निदेशक अभिजीत पति ने कहा कि ऐसे कार्यों के लिए सकारात्मक मानसिकता की आवश्यकता है। श्री पति ने कहा कि बालको गौरवान्वित है कि दिव्यांगों को उनके पैरों पर खड़ा करने की मुहिम में भागीदारी करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि तकनीक और संसाधनों की मदद से दिव्यांगों को ऐसे अवसर उपलब्ध कराएं जिससे वे दूसरों पर निर्भर न रहें। हम सब मिलकर ‘वेदांता कॉलेज एंड रीहैबिलिटेशन सेंटर फॉर डेफ एंड ब्लाइंड’ को श्रेष्ठ प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर विकसित करें। कार्यक्रम में उपस्थित डीएसपी (मुख्यालय) रामगोपाल करियारे ने उत्कृष्ट पहल के लिए बालको और इनरव्हील एजुकेशन सोसाइटी को साधुवाद दिया। इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग, कोरबा के उप निदेशक बीएन बेक और बालको के सामुदायिक संबंध प्रमुख श्री आशीष रंजन सहित अनेक बालको अधिकारी मौजूद थे।
इनरव्हील एजुकेशन सोसाइटी की मदद से वेदांता थैरेपी एंड रिहैब्लिटेशन सेंटर का संचालन
इनरव्हील एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक प्रदीप खेत्रपाल और दिव्य ज्योति स्कूल की प्राचार्य रीता खेत्रपाल ने बताया कि दिव्यांग युवाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में ‘वेदांता कॉलेज एंड रीहैबिलिटेशन सेंटर फॉर डेफ एंड ब्लाइंड’ महत्वपूर्ण साबित होगा। श्रीमती और श्री खेत्रपाल ने यह भी बताया कि बालको प्रबंधन अपने सामुदायिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के तहत इनरव्हील एजुकेशन सोसाइटी की मदद से वेदांता थैरेपी एंड रिहैब्लिटेशन सेंटर का संचालन कर रहा है। इस केंद्र में देखने, बोलने और सुनने में अक्षम तथा मानसिक निःशक्त बच्चों के लिए फिजियोथैरेपी, स्पीच थैरेपी तथा बिहैवियर थैरेपी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस अवसर पर दिव्य ज्योति स्कूल के छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।

 

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