संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सेना द्वारा हिरासत में ली गईं म्यांमा की नेता आंग सान सू ची और अन्य लोगों को रिहा करने का आह्वान किया है। उसने देश में आपात स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की है।
पंद्रह सदस्यों की परिषद ने म्यांमा की स्थिति पर अपने पहले बयान में सर्वसम्मति से लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रक्रियाओं को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया है। परिषद ने कहा है कि हिंसा से बचने और मानवाधिकारों, मौलिक स्वतंत्रता और कानून के शासन का पूरी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए।
चीन से सम्बन्धित संयुक्त राष्ट्र मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा है कि सुरक्षा परिषद के बयान में महत्वपूर्ण संदेशों को सभी पक्षों द्वारा ध्यान में रखा जाना जाना चाहिए।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता पचहत्तर वर्षीय सू ची सोमवार को गिरफ्तारी के बाद से नजर नहीं आई हैं। लोकतंत्र के लिए म्यांमा में बदलाव के दौर को उस समय आघात पहुंचा जब सेना के कमांडर मिन औंग ह्लाइंग ने नवंबर में हुए चुनावों में अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए सत्ता संभाल ली। इस चुनाव में सू की की पार्टी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी।
उधर, म्यांमा के सैन्य शासकों ने फेसबुक को ब्लॉक कर दिया है, ताकि लोग उससे सम्पर्क में न रहे। अधिकारियों ने कहा कि देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगाई गई है।
इस बीच, अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि बाइडेन प्रशासन म्यांमा में तख्तापलट के बारे में कार्यकारी आदेश देने पर विचार कर रहा है, जिसमें कुछ प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं।