खड़गपुर. रेलवे में निजीकरण और निगमीकरण को लेकर लगातार आलोचकों के निशाने पर रहे रेलमंत्री पीयूष गोयल एक बार फिर सार्वजनिक मंच पर सफाई देते नजर आये. खड़गपुर में आयोजित भाजपा की राजनीतिक सभा में रेलमंत्री को बार-बार यह सफाई दोहरानी पड़ी की रेलवे का निजीकरण नहीं होगा. यह जनता की संपत्ति है और आपकी ही रहेगी. यहीं नहीं भाजपा की चुनावी सभा में रेलमंत्री ने रेलवे की उपलब्धियों को भी जी भरके बखान किया.
मंगलवार 30 मार्च को पश्चिम बंगाल के खडगपुर में सभा को संबोधित करते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने दो साल में रेलवे में किसी दुर्घटना में एक भी मौत नहीं होने का सेहरा भी अपने सिर बांधने का प्रयास किया. हालांकि लगे हाथ उन्होंने इसके लिए रेलवे ट्रैकमैन, मेंटेनेंस और सिग्नलिंग के लोगों को सराहना भी की. दिलचस्प बात है कि बीते एक साल तो कोरोना काल में निकल गये जबकि ट्रेनों की आवाजागही काफी कम रही. वहीं दूसरी ओर दो साल में रेलवे की दुर्घटनाओं में भले ही आधिकारिक रूप से किसी यात्री की मौत न हुई है लेकिन इस अवधि में कई रेलकर्मियों की जान पटरी पर हो चुकी है जिनके बारे में रेलमंत्री याद करना भूल गये.
खड़गपुर में जनसभा में केंद्रीय मंत्री ने निजीकरण को लेकर लोगों को विपक्ष के दुष्प्रचार में नहीं फंसने की राय दी. कहा कि ट्रैकमैन, मेंटेनेंस और सिग्नलिंग के कर्मचारियों के प्रयास का असर रहा है कि बीते दो साल में रेलवे में एक भी यात्री की मौत दुर्घटना से नहीं हुई है. इसके बाद केंद्रीय मंत्री कोरोना महामारी के दौरान रेलवे की माल ढुलाई से लेकर दूसरी उपलब्धियों का भी खूब बखान किया. बताया कि कोरोना काल में साल 2020-21 में रेलवे ने 168 साल में सबसे अधिक माल ढुलाई कर इतिहास रच दिया है. यह सब उस समय हुआ है जब देश में यात्री ट्रेनें बंद थी और खाली पटरियों पर धड़ल्ले से मालगाड़ियों को दौड़ा कर रेलवे ने कोरोना के अवसर को खूब भुनाया.
यह बताते चले कि रेलवे ने माल ढुलाई से होने वाली आय में 22 मार्च तक पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 1,868 करोड़ रुपये (करीब दो प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज की है. यात्री मद में वित्तवर्ष (20019-20) में 53,525.57 करोड़ रुपये की राजस्व उगाही की गयी जो चालू वित्तवर्ष (2020-21) में घटकर 15,507.68 करोड़ रह गई. यह पिछले साल के मुकाबले 71.03 प्रतिशत कम है. आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 में यात्री भाड़े से 12,409.49 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह राशि 48,809.40 करोड़ रुपये थी.
रेलमंत्री ने बताया कि यात्री की आवाजाही के बावजूद रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की शुरुआत की. एक मई से 30 अगस्त के बीच रेलवे ने 4000 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया और 23 राज्यों से करीब 63.15 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाकर बड़ी उपलब्धि दर्ज की.
I assure you that Indian Railways is the property of the nation & people. No one can touch it, it will never be privatized. Don't get caught in opposition's propaganda. This is your property, it will remain yours: Railways Minister & BJP leader Piyush Goyal in Kharagpur pic.twitter.com/sgyA1afq9C
— ANI (@ANI) March 30, 2021