ईपीएफओ के अनंतिम पेरोल आंकड़े 20 अप्रैल, 2021 को जारी किया किए गए हैं। इसके अनुसार फरवरी, 2021 में 12.37 लाख कुल ग्राहक जोड़े गए हैं, जो कि ग्राहक संख्या में लगातार बढ़ोतरी को दर्शाता है। कोविड-19 महामारी के बावजूद वित्त वर्ष में करीब 69.58 लाख ग्राहक जोड़े गए हैं।
जनवरी 2021 के मुकाबले फरवरी में ईपीएफओ ग्राहक में 3.52% की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष दर वर्ष की तुलना के आधार पर देखा जाय तो फरवरी 2020 की तुलना में फरवरी 2021 में पेरोल आंकड़ों में 19.63% की बढ़ोतरी हुई है। ईपीएफओ के पेरोल से संबंधित संख्या में वृद्धि की प्रवृत्ति और इसके सदस्यता आधार में त्वरित विस्तार का श्रेय कोविड-19 महामारी के बीच भारत सरकार के एबीआरवाई, पीएमजीकेवाई और पीएमआरपीवाई जैसी योजनाओं के जरिए अर्थव्यवस्था को सामान्य बनाने के लिए दिए गए नीतिगत समर्थन के अलावा ईपीएफओ द्वारा सेवाओं के सुचारू एवं निर्बाध वितरण के लिए उठाये गये ई-पहल से जुड़े कदमों को दिया जा सकता है।
फरवरी 2021 के महीने के दौरान जोड़े गए 12.37 लाख ग्राहक में से 7.56 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। इसके अलावा 4.81 लाख ग्राहक योजना के दायरे से बाहर निकल गए। लेकिन इन लोगों ने अपनी नौकरी बदलकर दूसरे प्रतिष्ठानों नौकरी की और वहां पर ईपीएफओ सदस्यता के तहत अपनी जमा राशि को हस्तांतरित कर लिया है। इन लोगों ने ईपीएफओ खाते से पैसे निकालने के बजाय उसे जारी रखने का विकल्प चुना है।
बाहर निकलने वाले सदस्यों का आंकड़ा व्यक्तियों / प्रतिष्ठानों द्वारा प्रस्तुत दावों और नियोक्ताओं द्वारा अपलोड किए गए निकास डेटा पर आधारित है, जबकि नए ग्राहकों की संख्या प्रणाली में अंकित किये गये यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) पर आधारित है और उन्हें गैर-शून्य सदस्यता प्राप्त हुई है।
आयु के आधार पर विश्लेषण करने से पता चलता है कि फरवरी 2021 के दौरान 22-25 के आयु-वर्ग के लोगों का कुल 3.29 लाख ग्राहक के साथ सबसे अधिक नामांकन दर्ज किया गया है। इसके बाद लगभग 2.51 लाख नामांकन के साथ 29-35 की आयु-वर्ग ने पंजीकरण किया है। इस आयु वर्ग को अनुभवी कर्मचारियों के रूप में माना जा सकता है जिन्होंने कैरियर के विकास के लिए नौकरियां बदलीं और ईपीएफओ के साथ रहने का विकल्प चुना।
उद्योगों की श्रेणी के आधार पर विश्लेषण बताता है कि फरवरी 2021 में 4.99 लाख लोगों ने “विशेषज्ञ सेवाओं” की श्रेणी के प्रभुत्व को दर्शाता है। इसके बाद ट्रेडिंग-वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की श्रेणी में लगभग 84,000 ग्राहकों का योगदान है।
पूरी देश की तुलना से पता चलता है कि महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य शुद्ध वेतन वृद्धि के मामले में सबसे आगे हैं। इन पांच राज्यों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 38.14 लाख कुल ग्राहक जोड़कर सभी आयु-समूहों में कुल ग्राहकों में 54.81% योगदान दिया है।
लिंग के आधार पर विश्लेषण बताता है कि फरवरी 2021 के महीने के दौरान लगभग 2.60 लाख महिला ग्राहक जुड़ी हैं, जो कि फरवरी में जुड़ने वाले नए ग्राहक की संख्या का 21% है। महीने दर महीने की तुलना के आधार पर जनवरी 2020 में लगभग 12.74% की बढ़ोतरी हुई है।
वेतन भुगतान से संबंधित यह आंकड़ा अनंतिम है क्योंकि कर्मचारियों के रिकॉर्ड को अद्यतन किया जाना एक सतत प्रक्रिया होने की वजह से आकड़ों का सृजन एक निरंतर गतिविधि है। इसलिए, पिछले आंकड़े को हर महीने अपडेट किया जाता है। अप्रैल, 2018 से ईपीएफओ सितंबर 2017 और उससे आगे की अवधि का पेरोल डेटा जारी करता आ रहा है। प्रकाशित आंकड़ों में उन सदस्यों को शामिल किया गया है, जिन्होंने इन महीनों के दौरान नौकरी ज्वाइन किया और जिनका योगदान प्राप्त हुआ है।
कोविड-19 महामारी के कठिन समय के दौरान, ईपीएफओ अपने सभी हितधारकों को मदद प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। और अपने इन्नोवेशन आधारित सामाजिक सुरक्षा संगठन के रूप में निर्बाध सेवा देने और बिना किसी अवरोध के सेवाएं सुनिश्चित करता है।