कोरोना वायरस महामरी के चलते केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोक दिया गया था, लेकिन केंद्र सरकार अब इसे देने की तैयारी में है।
इस DA की खुशखबरी के बीच इस समय जो एक सबसे बड़ी तैर रही है वो है फिटमेंट फैक्टर (fitment factor)। सातवें सीपी फिटमेंट फैक्टर (7th CPC fitment factor) के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों के सातवें वेतन आयोग के वेतन मैट्रिक्स (pay matrix) और सातवें सीपीस सैलरी का निर्धारण इस तरह से किया जाएगा किसी कर्मचारी के DA और सातवें सीपीस बेसिक वेतन का भी अहम योगदान होगा।
DA बहाली और सरकारी कर्मचारियों के सातवें सीपीसी पे मैट्रिक्स के प्रभाव पर शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि DA के फिर से बहालीी के बाद उम्मीद है कि किसी सराकरी कर्मचारी के DA में कम से कम 17-28 फीसदी का इजाफा होगा। ऐसा होने पर किसी कर्मचारी को मासिक मूल वेतन, Provident Fund (PF) के योगदान और gratuity आदि में बढ़ोतरी होगी।
7वें वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा। मिश्रा ने एक उदाहरण के जरिए समझाते हुए कहा कि अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी का मासिक वेतन 20,000 रुपये है तो नए नियमों के लागू होने पर उसका मासिक वेतन 51,400 (2000×2.57) रुपये होगा। इसके बाद DA, TA ,मेडिकल रिमबरसेंट जैसे भत्ते की गणना की जाएगी। इसके बाद मंथली बेसिक पे और कुल भत्ते मिलकर किसी कर्मचारी को हर महीने मिलने वाला वेतन होगा।
मिश्रा ने आगे कहा कि 7th CPC fitment factor से किसी कर्मचारी के बेसिक वेतन के निर्धआरण में सहायता मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि बेसिक सैलरी किसी कर्मचारी के कुल मासिक सैलरी का करीब 50 फीसदी होता है। इस तरह अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी अगर 20 हजार रुपये है तो उसकी ग्रॉस मंथली सैलरी करीब 1,02,800 (51,400×2 रुपये होगी। इसके बाद इस सैलरी पर मंथली PF कंट्रीब्यूशन, सोर्स पर इनकम टैक्स आदि कटौती की जाएगी। उसके बाद कर्मचारी के हर महीने हाथ में आने वाली सैलरी का निर्धारण होगा।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों के अलावा जैसे महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) शामिल है। कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है।