पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का मंगलवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे। शर्मा 1983 में विश्व विजेता भारतीय टीम के सदस्य थे। उनके निधन से खासकर किकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

शर्मा का करियर

शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैचों में 1606 रन बनाए। उनका हाईएस्ट 140 रहा और औसत 33.45 रन था। वहीं वनडे क्रिकेट में उन्होंने 42 मैचों में 28.48 के औसत से 883 रन बनाए।

भारतीय सिलेक्टर का रोल

यशपाल शर्मा साल 2003 से 2006 तक भारतीय टीम के सिलेक्टर रहे। यह भारतीय क्रिकेट के लिए थोड़ा अजीब वक्त था। उन्होंने तब टीम के कोच ग्रेग चैपल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी और सौरभ गांगुली का समर्थन किया था। साल 2008 में वह दोबारा सिलेक्टर बने। वह उत्तर प्रदेश की रणजी टीम के कोच भी रहे

1983 वर्ल्ड कप के हीरो थे शर्मा

1983 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत के साथ शुरुआत की। इसमें शर्मा की अहम भूमिका थी। जब वह क्रीज पर उतरे तो टीम का स्कोर तीन विकेट पर 76 रन था जो जल्द ही पांच विकेट पर 141 रन हो गया।

शर्मा ने 120 गेंद पर 89 रन की पारी खेली। उन्होंने अच्छे शॉट तो लगाए ही साथ ही विकेट के बीच अच्छी दौड़ भी लगाई। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आक्रामक 40 रन हों या फिर इंग्लैंड के खिलाफ मुश्किल हालात में खेली गई 61 रन की पारी। शर्मा ने टूर्नमेंट में 34.28 के औसत से 240 रन बनाए। भारत ने अंत में वर्ल्ड कप अपने नाम किया।

1979-80 का सुनहरा दौर

यशपाल शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला शतक सातवें मैच में लगाया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में शतक जड़ा। अगले साल उन्होंने कोलकाता के ईडन गार्डंस में शानदार पारी खेली। उन्होंने भारत को मैच लगभग जितवा ही दिया। भारतीय टीम को जीत के लिए 247 रन की जरूरत थी। शर्मा ने 117 गेंद पर 85 रन बनाए थे। तभी खराब रोशनी की वजह से खेल रुक गया। भारतीय टीम का स्कोर उस समय चार विकेट पर 200 रन था।

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