देशव्यापी भारत बचाओ दिवस के तहत संयुक्त ट्रेड यूनियन के आह्वान पर कोरबा जिले के एसईसीएल क्षेत्र कुसमुंडा में केंद्र सरकार की कॉरपोरेटपरस्ती नीतियों के खिलाफ किसान मजदूर विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पर्चे बांटे गए। कुसमुंडा चौक पर संयुक्त ट्रेड यूनियन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।
सीटू के जिला महासचिव वीएम मनोहर ने कहा की हड़ताल के अधिकार को केंद्र सरकार खत्म कर रही है और कोयला वेतन समझौता कमेटी खत्म कर मालिक परस्त वेतन समझौता की नीति लागू कर रही है।
अभी मानसून सत्र में कोल बीयरिंग एक्ट 1957 जिसमें खनिज एवं कोयला खनन के लिए जमीन अधिग्रहण सरकारी संस्था एनसीडीसी के द्वारा किया जाता रहा है, 2015 में नया बिल लाकर 214 कोयला भण्डार को निजी कारपोरेट घरानों को आवंटित किया गया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिए। अभी इस एक्ट में संशोधन कर कमर्शियल माइनिंग के लिए 68 कोल ब्लाक पुनः आवंटित कर रही है।
पुनः कोल बीयरिंग एक्ट में संशोधन कर देश की खनिज धरोहर को पूंजीपतियों को लूटने की आजादी की नीति लागू कर रही है। अब केंद्र सरकार किसी को भी अधिग्रहण के लिए नियुक्त कर सकती है, केंद्र सरकार किसानों को राष्ट्र हित का धमकी देकर जमीन छीनने, विस्थापन, नौकरी की सुविधा से वंचित रखने की नीति लागू कर रही है निजी मालिकों के लिए रेल सड़क बैंक लोन की गारंटी देगी।
इस तरह से कोल इंडिया को खत्म करने का शाजिस कर रही है जिसका विरोध सभी ट्रेड यूनियनों द्वारा किया जा रहा है केंद्र सरकार द्वारा जनविरोधी नीतियों को वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।
विरोध प्रदर्शन में सीटू से शेख बच्चा, अनिल यादव, बी टोप्पो, प्रेम पाल, साजी जॉन एसएमएस से अरुण झा, मिलन पाण्डे, दुर्गेश यादव एटक से मदन सिंह,एस राव, विजय झा इंटक से आरसी मिश्रा उपस्थित थे।
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