कोरबा (आईपी न्यूज)। कोयला मंत्रालय ने छह कोल ब्लाॅक का आबंटन रद्द कर दिया है। ये छह कोल ब्लाॅक एक सरकारी और चार निजी बिजली कंपनियों को आबंटित किए गए थे। इन कोल ब्लाॅक में लगभग 4 बिलियन टन कोयला भण्डारित है। जानकारी के अुनसार छत्तीसगढ़ में स्थित पिंडरखी और पूरा परोगिया कोल ब्लाॅक का आबंटन सितम्बर, 2009 में छत्तीसगढ़ सरगुजा प्राइवेट लिमिटेड को किया गया था। पिंडरखी कोल ब्लाॅक में 421.5 तथा पूरा परोगिया में 629.5 मिलियन टन कोयला भण्डारित है। 4000 मेगावाट क्षमता वाले अकलतरा पावर लिमिटेड के लिए यह ब्लाॅक लिया गया था।
इसी तरह झारखण्ड में स्थित मौर्या कोल ब्लाॅक जून, 2009 में करणपुरा इनर्जी लिमिटेड को आबंटित किया गया था। इस ब्लाॅक में 225.4 मिलियन टन कोल रिजर्व है। झारखण्ड में ही केरनडरी कोल ब्लाॅक झारखण्ड इंटरीगेटेड पावर लिमिटेड को जुलाई, 2007 में आबंटित किया गया था। यहां 916.5 मिलियन टन कोयले का भण्डार है। ओड़िसा राज्य में स्थित कोल ब्लाॅक बनखुई सखीगोपाल इंटरीगेटेड पावर कंपनी लिमिटेड को जून, 2010 में मिला था। इस ब्लाॅक में 800 मिलियन टन कोल रिजर्व है। महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कारपोरेशन केा जुलाई, 2008 में भीवकुंड कोल ब्लाॅक आबंटित हुआ था। यह कोल ब्लाॅक महाराष्ट्र में ही स्थित है। यहां 100 मिलियन टन कोयला है। महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कारपोरेशन ने यह ब्लाॅक औरंगाबाद पावर कंपनी लिमिटेड के लिए लिया था। पांचो कंपनियों द्वारा कोल ब्लाॅक विकसित किए जाने के कारण कोयला मंत्रालय ने इनका आबंटन निरस्त किए जाने का निर्णय लिया। इसके पहले कई मतर्बा इन कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था।