कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित वृक्षारोपण महोत्सव 2021 के अंतर्गत एसईसीएल मुख्यालय समेत विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 60 से अधिक स्थानों पर वृक्षारोपण व पौध वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
एसईसीएल मुख्यालय में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि सीएमडी एसईसीएल ए.पी. पण्डा, विशिष्ट अतिथिगण मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी (संचालन) एम.के. प्रसाद, निदेशक (वित्त सह कार्मिक) एस.एम. चौधरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.के. पाल की उपस्थिति रही।
वृक्षारोपण महोत्सव 2021 कोयला मंत्रालय की फ्लैगशिप योजना है जिसके तहत प्रति वर्ष वृहद स्तर पर वृक्षारोपण का कार्य सम्पन्न होता है। इस वर्ष का आयोजन देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मनाए जा रहे ’आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत किया गया है।
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इस समारोह का उद्घाटन कोयला खान एवं रेल राज्य मंत्री भारत सरकार रावसाहेब पाटिल दानवे द्वारा किया गया, जो कि वर्चुवल वेबलिंक के जरिए कार्यक्रम में उपस्थित हुए। समारोह के आरंभ में केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी भारत सरकार द्वारा जारी संदेश का पठन किया गया तथा मंत्री द्वारा वृक्षारोपण का वीडियो प्रदर्शित किया गया।
इस अवसर पर कोयला मंत्रालय से सचिव डॉ. अनिल जैन, संयुक्त सचिव श्री भवानी प्रसाद पति, अपर सचिव विनोद कुमार तिवारी, अपर सचिव श्री नागार्जुन, सलाहकार (सतत विकास) आर.आर. मिश्रा आदि गणमान्यजनों की ऑनलाईन माध्यम से विशिष्ट उपस्थिति रही।
अपने स्वागत उद्बोधन में अपर सचिव विनोद कुमार तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि वृक्षारोपण महोत्सव 2021 का यह आयोजन कोल इण्डिया लिमिटेड मुख्यालय सहित सभी अनुषंगी कम्पनियों, निग्वेली लिग्नाईट कॉर्पोरेशन तथा सिंगरेनी कॉलरीज लिमिटेड में किया जा रहा है।
सकल रूप से देश के 10 राज्यों के 38 जिलों के 300 स्थानों पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम है। दिनांक 19 अगस्त से इस अभियान के तहत लगभग 2300 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 60 लाख पौधे लगाए जायेंगे वहीं लगभग 13 लाख पौध वितरण किया जाएगा।
कोयला उद्योग के पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि इससे एक बड़ा कार्बन सिंक तैयार होगा जिससे हरित पर्यावरण की हमारी संकल्पना को मजबूती मिलेगी। वृक्षारोपण अभियान 2021 में 4 लाख से अधिक सीड बाल भी वितरित किए जायेंगे तथा इसमें पौधों के साथ-साथ खाली भूमि पर घास भी लगायी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण कोयला उद्योग में फर्स्ट माईल कनेक्टिविटी परियोजनाएँ विकसित हो रही हैं जिससे कोयला पिट हेड से सीधा लोडिंग स्थान तक पहुँचाया जा सकेगा एवं परिणामतः प्रदूषण में कमी, सड़क मार्ग से ट्रक आदि से कोयले की ढुलाई की व्यवहारिक समस्याएँ आदि से छुटकारा मिल सकेगा।
एसईसीएल में ऐसी 9 फर्स्ट माईल कनेक्टिविटी परियोजनाएँ कार्यान्वयन के अधीन हैं जिनके जरिए कम्पनी के 6 खदानों से अतिरिक्त रूप से 60 से 70 मिलियन टन कोयले की डिस्पैच की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
समारोह के दौरान एनएलसी लिमिटेड व सिंगरैनी कॉलरीज के 2 माईन ईको टूरिज्म साईड का लोकार्पण किया गया, वहीं कोल इण्डिया लिमिटेड की महानदी कोलफील्ड्स व ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में माईन पार्क का शिलान्यास किया गया।
ज्ञात हो कि एसईसीएल द्वारा कोयला उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संवर्धन की दिशा में भी निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में एसईसीएल लगभग 300 हेक्टेयर भूमि पर 7.5 लाख पौधरोपण करने जा रही है जिनमें लगभग 197 हेक्टेयर भूमि पर 5.10 लाख वृक्षारोपण किया जा चुका है।
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वृक्षारोपण अभियान के तहत 19.08.2021 से पूरे एसईसीएल में 2 लाख पौधों का रोपण एवं 50 हजार पौधों का वितरण किया जाएगा। गत वर्ष खदानों से निकले जल के रूप में लगभग 220 लाख किलो लीटर पानी उपलब्ध कराया गया जिसे सामुदायिक उपयोग के रूप में लगभग 1.5 लाख लोगों को लाभ हुआ तथा 2168 एकड़ कृषि भूमि सिंचित हुई।
अनन्य वाटिका हसदेव क्षेत्र मध्यप्रदेश एवं बिश्रामपुर ओसी छत्तीसगढ़ में इको-टूरिज्म केन्द्र की स्थापना की गयी है। एसईसीएल ने हाल ही में लगभग 150 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से भटगांव एवं बिश्रामपुर क्षेत्र के चिन्हित भूमि पर ग्राऊण्ड माऊण्टेड ग्रिड कनेक्टेड सौर परियोजना के लिए लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया है तथा कोरबा कोलफील्ड्स में 100 मेगावाट परियोजना के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।
इस वर्चुवल कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन भवानी प्रसाद पति, संयुक्त सचिव, भारत सरकार द्वारा किया गया। एसईसीएल मुख्यालय परिसर में इस अवसर पर शीर्ष प्रबंधन के साथ-साथ महाप्रबंधक (पर्यावरण) अक्षय बापट, महाप्रबंधक (कार्मिक/प्रशासन) ए.के. सक्सेना सहित विभिन्न विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ/यूनियन व एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासनिक भवन प्रांगण में स्थानीय प्रजाति के फलदार, औषधीय गुणों से युक्त पौधों का रोपण किया गया।
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