सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को लॉन्च किया। इस पाइपलाइन प्लान के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी ऐसी इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स की एक लिस्ट बनाई जाएगी, जिसे सरकार को अगले 4 साल में बेचना है। सरकार का लक्ष्य इसके जरिए 6 लाख करोड़ रुपए जुटाना है।

इधर, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन की चपेट में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का रेलवे स्टेशन भी आ रहा है। जानकारी के अनुसार निजीकरण की लिस्ट में देश के 400 रेलवे स्टेशन है। रायपुर रेलवे स्टेशन ए-1 श्रेणी का है। बताया जा रहा है कि ए-1 श्रेणी के लिहाज से रायपुर रेलवे स्टेशन का सौदा करीब 600 करोड़ रुपए में होगा। संभवतः यह सौदा चालू वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा।

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यहां बताना होगा कि रायपुर रेलवे स्टेशन का काफी विस्तार हुआ है। रेलवे स्टेशन का निजीकरण हो जाने के बाद टिकट बुकिंग, पार्सल बुकिंग, पार्किंग, खानपान के स्टॉल, कैंटीन, वेटिंग हॉल, मल्टी फंक्शनल काम्प्लेक्स आदि सुविधाएं निजी हाथों में चली जाएंगी।

कहा जा रहा है जब यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं जिनी हाथों में जाएंगी तो इसके उपयोग के रेट भी अलग होंगे। यानी मुसाफिरों की जेब पर और अधिक चोट पहुंच सकती है। बहरहाल अभी स्टेशन को ठेके पर देने संबंधी पूरा विवरण सामने नहीं आया है।

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