विदेशी बाजारों में कोयले के मूल्यों में वृद्धि, मानसून के कारण प्रभावित हुए घरेलू उत्पादन आदि कारणों के कारण देश के विद्युत संयंत्रों में कोयले की भारी मांग देखी जा रही है। राष्ट्र की ऊर्जा आकांक्षाओं की पूर्ति तथा कोयला मंत्रालय व होल्डिंग कम्पनी कोल इण्डिया के निर्देशानुसार एसईसीएल ने बिजली संकट को टालने के उद्धेश्य से पावर सेक्टर को प्रदान किए जाने वाले कोयले की मात्रा में इजाफा किया है जिससे कि निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
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प्राप्त आकड़ों के अनुसार अप्रैल से अगस्त 2021 के बीच एसईसीएल ने पावर सेक्टर को 48.44 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति की है जो कि गत वर्ष इसी अवधि में विद्युत संयंत्रों को की गयी आपूर्ति से लगभग 10 मिलियन टन अधिक है।
इस वर्ष मानसून की असामान्य बारिश के कारण प्रभावित हुए कोयला उत्पादन के बावजूद एसईसीएल ने गत वर्ष की तुलना में अप्रैल-अगस्त 2021 अवधि में कुल 10 मिलियन टन अधिक कोयला डिस्पैच किया है।
एसईसीएल के अनुसार नान पावर कन्ज्यूमर (सीपीपी सहित) को वार्षिक कान्ट्रेक्ट क्वान्टिटी/मासिक निर्धारित क्वान्टिटी के अनुसार एफएसए के अंतर्गत कोयले की आपूर्ति की जा रही है। अप्रैल-अगस्त 2021 की अवधि में नान पावर सेक्टर को भी 13.03 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति की गयी है जो कि गत वर्ष इस अवधि के लगभग बराबर है।
कोल इण्डिया लिमिटेड से प्राप्त निर्देशों के अनुसार ईंधन आपूर्ति समझौता (FSA) का नवीनीकरण किया जा रहा है। सीआईएल ने स्पंज आयरन सब सेक्टर के लिए लिंकेज ऑक्शन (टी-वी) कराया है तथा इसमें योग्य 59 निविदाकर्ताओं के साथ एसईसीएल ने एफएसए किया है। सीआईएल द्वारा उन सभी उपभोक्ताओं के लिए जिनके एफएसए 31.03.2022 के पूर्व समाप्त हो रही है, लिंकेज ऑक्शन, 15 सितम्बर 2021 तथा उसके बाद कराया जा रहा है, तदुपरांत सीमेंट, सीपीपी एवं अन्य सब-सेक्टर हेतु , ऑक्शन प्रक्रिया पूर्ण होने पर एफएसए हो सकेगा।
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इन सबके अतिरिक्त भी एसईसीएल ई-प्लेटफार्म पर स्पाट ई-आक्शन एवं एक्स्क्लूसिव ई-आक्शन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें नॉन पावर स्पांज उपभोक्ता नियमित तौर पर भाग ले सकते हैं।
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