जानें, ”लास्ट माइल कनेक्टिविटी” को लेकर कैसे काम कर रहा ”पीएम गति शक्ति”

पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान की निगरानी थ्री-टीयर सिस्टम से की जाएगी। इसके लिए “गति शक्ति” नामक एक डिजिटल मंच तैयार किया गया है।

देशभर में ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ तक सुधार लाने के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु केंद्र सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस संबंध में केंद्र सरकार ”पीएम गति शक्ति” नामक मास्टर प्लान लेकर आई। इसी मास्टर प्लान के अंतर्गत अब देशभर में विभिन्न सड़क परियोजनाओं के जरिए मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी पर तेजी से काम किया जा रहा है।

क्या है PM गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान ?

पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान की निगरानी थ्री-टीयर सिस्टम से की जाएगी। इसके लिए “गति शक्ति” नामक एक डिजिटल मंच तैयार किया गया है। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसके द्वारा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को फुल स्पीड मिलेगी।

मास्टर प्लान के तहत होने वाले निर्माण

जी हां, पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान यानि NMP के तहत 22 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 23 प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और अन्य राजमार्ग परियोजनाएं व मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी में सुधार के लिए प्रस्तावित हैं। अब प्लान के तहत केंद्र सरकार भारतमाला परियोजना और अन्य योजनाओं के हिस्से के रूप में देश में 22 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 23 अन्य प्रमुख आधारभूत संरचना परियोजनाओं व अन्य राजमार्ग परियोजनाओं और 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करने की योजना बना रही है।

निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर

बता दें, इनमें से कुछ प्रमुख एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर निर्माणाधीन चरण में हैं, जिनमें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे, अंबाला-कोटपुतली एक्सप्रेसवे, अमृतसर-भटिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे, रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे, हैदराबाद-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे, यूईआर II, चेन्नई-सेलम एक्सप्रेसवे और चित्तूर-थाच्चूर एक्सप्रेसवे शामिल हैं।

निर्माणाधीन बुनियादी ढांचा परियोजनाएं

वहीं, कुछ प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, जो निर्माणाधीन चरण में हैं, उनमें लद्दाख की जोजिला सुरंग, आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम बंदरगाह को जोड़ने के लिए सड़कें, मध्य जलडमरूमध्य क्रीक (संकरी खाड़ी) (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) पर एक प्रमुख पुल, लालपुल-मनमाओ बदलने वाली सड़क (अरुणाचल प्रदेश) को 2 लेन का बनाना, यूपी के फफामऊ में गंगा पुल पर 6 लेन का पुल और धुबरी-फुलबारी (मेघालय) के बीच ब्रह्मपुत्र पर 4 लेन के पुल का निर्माण शामिल हैं।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के जरिए भारतमाला परियोजना चरण-I के तहत विकास के लिए चिन्हित 35 एमएमएलपी परियोजनाओं को लागू करने हेतु इनसे तालमेल बना रखा है। असम के जोगीघोपा एमएमएलपी (Multi-Modal Logistics Parks), जिसे एसपीवी परियोजना में इक्विटी साझेदार के रूप में असम सरकार के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा है, यह पहले से ही निर्माणाधीन है।

इसके अलावा तीन MMLP के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं। ये हैं…

1. एमएमएलपी नागपुर : इसे सिंडी गांव में जेएनपीटी के साथ साझेदारी में विकसित किया जा रहा है।
2. एमएमएलपी चेन्नई : इसे चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट और तमिलनाडु सरकार के साथ अपने औद्योगिक निकाय एसआईपीसीओटी के माध्यम से मप्पेडु में विकसित किया जा रहा है।
3. एमएमएलपी बेंगलुरु : इसे कर्नाटक सरकार के बुनियादी ढांचा निकाय कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के माध्यम से साझेदारी में विकसित किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर विशेष अभियान

“पीएम गति शक्ति” के तहत चल रहीं परियोजनाओं के संबंध में अब तक हुई प्रगति से लोगों को अवगत कराने के लिए केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर विशेष अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत विभिन्न सोशल मीडिया मंचों जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और कू पर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी), रोपवे और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसी योजनाओं की वर्तमान स्थिति से लोगों को रूबरू कराया।

पीएम गति शक्ति का विजन

पीएम गति शक्ति में भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग, शुष्क व भूमि बंदरगाहों, उड़ान आदि जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं को शामिल किया जाएगा। आर्थिक क्षेत्र जैसे कपड़ा क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा गलियारे, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक गलियारे, मछली पकड़ने के समूह कनेक्टिविटी में सुधार लाने और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कृषि क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। यह BiSAG-N (भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियोइनफॉरमैटिक्स) द्वारा विकसित ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) इमेजरी के साथ स्थानिक नियोजन उपकरण सहित व्यापक रूप से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगा।

पीएम मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए तेजी से उठाए कदम

पूरे देश में निर्बाध कनेक्टिविटी देने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने के प्रयासों को और तेज करने के लिए केंद्र सरकार तेजी से कदम उठा रही है, ताकि भारत 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाए। जी हां, जहां 13 अक्टूबर, 2021 को पीएम मोदी ने विभागों में सीमित दायरों में काम करने की परंपरा को तोड़ने, अधिक समग्र व एकीकृत योजना बनाने और परियोजनाओं का निष्पादन करने के संदर्भ में इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम की शुरुआत की थी, वहीं 21 अक्टूबर, 2021 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी देने के लिए ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी)’ के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। अब इन कदमों से देश में लॉजिस्टिक लागत को कम करने और उपभोक्ताओं, किसानों, युवाओं के साथ-साथ व्यवसायों में लगे लोगों को भारी आर्थिक लाभ में बदलने में मदद मिलेगी।

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