मालवा और निमाड़ में फरवरी में पहली बार बिजली की भारी मांग की स्थिति है। फरवरी के 23 दिनों में दैनिक 10 करोड़ यूनिट से ज्यादा की आपूर्ति हो रही है। फरवरी में अब तक 230 करोड़ 80 लाख यूनिट की आपूर्ति हो चुकी है। फरवरी के 23 दिनों में लगभग 10 दिन, मांग 6000 मेगावाट से ज्यादा दर्ज हुई।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि घरेलू, कृषि, गैर घरेलू, औद्योगिक सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं की ओर से ज्यादा बिजली मांग की गई है।
इसी के मद्देनजर कंपनी क्षेत्र में बिजली मांग ज्यादा है। श्री तोमर ने बताया कि 23 फरवरी को बिजली की कुल 10 करोड़ 10 लाख यूनिट की आपूर्ति की गई है। सबसे ज्यादा आपूर्ति इंदौर जिले में एक करोड़ 49 लाख यूनिट की हुई।
धार जिले में एक करोड़ 40 लाख यूनिट, उज्जैन जिले में एक करोड़ 16 लाख यूनिट की आपूर्ति हुई है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान इंदौर राजस्व संभाग में कुल 5 करोड़ 62 लाख यूनिट और उज्जैन राजस्व संभाग में कुल 4 करोड़ 48 लाख यूनिट बिजली आपूर्ति हुई है।
श्री तोमर ने बताया कि इस वर्ष फरवरी के 23 दिनों में कुल 230 करोड़ 80 लाख यूनिट की आपूर्ति हुई है, वहीं गत वर्ष फरवरी के 23 दिनों में कुल 197 करोड़ 10 लाख यूनिट की आपूर्ति हुई थी।
इस तरह 17 फीसदी बिजली आपूर्ति ज्यादा हुई है। फरवरी माह के दौरान कंपनी क्षेत्र के इंदौर, धार, उज्जैन, रतलाम, देवास, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर, शाजापुर, देवास जिलों में बिजली की मांग वृद्धि दर्ज हुई।
आपूर्ति पर्यवेक्षण के लिए कार्यपालक निदेशक गजरा मेहता और उपभोक्ता संतुष्टि के लिए मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य नोडल अधिकारी के रूप में दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
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