गांधीनगर। आरएसएस के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ ने गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया। बीएमएस के नेतृत्व वाले इस आंदोलन में 156 यूनियन के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
गांधीनगर स्थित सत्याग्रह छावनी में किए गए इस धरना प्रदर्शन में श्रमिक नेताओं ने राज्य सरकार के समक्ष कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी और लंबित मांगो को पूरा करने अपील की। मांगे नहीं मानें जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
सत्याग्रह छावनी में विभिन्न क्षेत्र के कर्मचारियों का सैलाब उमड़ पड़ा था। खासकर महिलाआें ने अपने हाथों में मांगों को लेकर तख्तियां ले रखी थीं और आवाज बुलंद कर रहीं थीं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के जायज मुद््दों और समस्याओं को अनदेखा कर रही है।
इस दौरान भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में गुजरात के मुख्यमंत्री को 23 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपे जाने का निर्णय लिया गया।
इन मांगों में प्रमुख रूप से वर्ष 2017 से बोर्ड समिति का गठन नहीं होना, आंगनबाड़ी, आशावर्कर एवं मध्याह्न भोजन कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी, बोर्ड निगम के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का 19 माह का एरियर का भुगतान, स्टेट ट्रांसपोर्ट के कर्मचारियो को सरकार के कर्मचारी मानकर जुलाई-2019 से दिए गए डीए को लागू करना, पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता के एरियर की राशि जुलाई-2021 से सरकार ने घोषित किए गए 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते को एरियर के साथ लागू करना, सेवा में कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु होने पर कर्मचारी के आश्रित को नौकरी देना या आठ लाख रुपए का मुआवजा, श्रम विभाग में रिक्त स्थानों को भरना शामिल है।
विशाल धरना प्रदर्शन में बीएमएस के राष्ट्रीय महामंत्री बिनय कुमार सिन्हा, राज बिहारी शर्मा सहित कनक सिंह, राजेन्द्र सिंह, शर्मिष्ठा बेन जोशी, दीपक परमार, नाटूभाई बारोटा, वीएम चावडा, निरूबेन उपाध्याय, वीपी परमार, सहदेव सिंह जडेजा आदि की उपस्थिति थी।
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