नई दिल्ली, 01 जून। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) को बॉक्साइट ब्लॉक के लिए मंजूरी मिलते ही एकीकृत ग्रीनफील्ड एल्यूमीनियम परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत एल्यूमिना रिफाइनरी, स्मेल्टर प्लांट, कैप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित किया जाएगा।
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सीआईएल बोर्ड ने एकीकृत ग्रीनफील्ड एल्यूमीनियम परियोजना के डीपीआर को स्वीकृति दे दी है। ओडिशा के रायगड़ा जिले में एल्यूमिना रिफाइनरी तथा नेउलपोई में स्मेल्टर और कैप्टिव पॉवर प्लांट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। सीआईएल प्रबंधन ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण भी कर लिया है। जमीन के अधिग्रहण की तैयारी चल रही है।
एकीकृत ग्रीनफील्ड एल्यूमीनियम परियोजना की स्थापना के लिए इक्विटी पार्टनर की तलाश की जा रही है। सीआईएल ने इक्विटी पार्टनर योग्यता के लिए एक ईओआई भी जारी किया था।
सीआईएल द्वारा बॉक्साइट ब्लॉक के लिए मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। एल्यूमिना तैयार करने के लिए बॉक्साइट की आवश्यकता होगी।
यहां बताना होगा कि पहले सार्वजनिक उपक्रम नालको के साथ संयुक्त उद्यम के तहत एल्यूमीनियम स्मेल्टर और कैप्टिव पावर प्लांट स्थापित करने की योजना थी। परियोजना के लिए प्रस्तावित व्यवसाय मॉडल यह था कि सीआईएल की अनुषांगिक कंपनी एमसीएल के पास 74 प्रतिशत इक्विटी होगी और नालको के पास संयुक्त उद्यम में 26 प्रतिशत इक्विटी होगी। इसके अलावा, प्रस्तावित परियोजना के लिए एल्यूमिना की आपूर्ति नालको द्वारा की जानी थी और कोयले की आपूर्ति एमसीएल द्वारा की जानी थी।
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अगस्त 2021 में नालको के साथ संयुक्त उद्यम की परियोजना को रद्द कर दिया गया और एकीकृत ग्रीनफ़ील्ड एल्युमिनियम परियोजना स्थापित करने की योजना बनाई गई। नई परियोजना इक्विटी साझेदार के साथ स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया।
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