नई दिल्ली, 28 जून। खनिज कंपनी एनएमडीसी के बैंकर ओर शेयरधारक कंपनी के इस्पात संयंत्र को विभाजित करने को मंजूरी देने जा रहे हैं। इससे कंपनी की बिक्री का रास्ता साफ हो जाएगा। बैंक अधिकारियों का कहना है कि इस विभाजित कंपनी की बिक्री में भारत की शीर्ष इस्पात कंपनियों के हिस्सा लेने के आसार है।
इस बिक्री से 4 अरब डॉलर तक की कीमत मिल सकती है क्योंकि कंपनी की छत्तीसगढ़ में लोह अयस्क की खदानें होने से बोली में प्रतिस्पर्धा तगड़ी रहेगी। इस समय कंपनी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 60.8 फीसदी है।
केन्द्र चालू कैलेंडर वर्ष में छत्तीसगढ़ के नगरनार में स्थित सालाना 30 लाख टन क्षमता के इस्पात संयंत्र में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहता है। विभाजन की योजना के मुताबिक इस्पात कंपनी में एनएमडीसी की मिरर शेयरधारिता होगी और एनएमडीसी द्वारा इस्पात संयंत्र में किए गए 18,000 करोड़ रुपये के निवेश को इक्विटी के रूप में नगरनार इंटीग्रेटेड रेटेड स्टील प्लांट (एनआईएसपी) में हस्तांतरित किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि एनएमडीसी के इस्पात संयंत्र के लिए सभी इस्पात कंपनियां बोली लगाएंगी क्योंकि इसके पास लौह अयस्क की खदानें हैं। बिक्री प्रक्रिया में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, आर्सेलरमित्तल और वेदांता जैसी कंपनियों के हिस्सा लेने की संभावना है।
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