विशाखापत्तनम, 18 जुलाई। आरआईएनएल और विशाखापत्तनम तथा उसके आसपास के अन्य उद्योगों के लिए नवाचार और स्टार्टअप कार्यों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग 4.0 सीओई (कल्पतरु) के लिए एसटीपीआई, एसटीपीआईएनईएक्सटी और आरआईएनएल-वीएसपी (विशाखापत्तनम स्टील प्लांट) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
विशाखापत्तनम स्टील प्लांट में आज आयोजित एक समारोह में आरआईएनएल के सीएमडी अतुल भट्ट और एसटीपीआई के निदेशक डॉ. सीवीडी राम प्रसाद के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
इस अवसर पर आरआईएनएल के सीएमडी और सीओई के मुख्य सलाहकार अतुल भट्ट ने कहा कि उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) की स्थापना समय की आवश्यकता है और यह उद्योग और शैक्षणिक समुदाय के लिए सूचना प्रदान करने और प्राप्त करने का एक उदाहरण बन जाएगा जहां हर कोई एक समाधान लेकर आएगा जो देश को लाभान्वित करेगा और इस्पात उद्योग में डिजिटलीकरण में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेगा।
अतुल भट्ट ने कहा, “भारत अब विश्व में इस्पात निर्माण का केन्द्र बन रहा है और भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है और मुझे उम्मीद है कि विशाखापत्तनम देश को इस्पात निर्माण में समाधान प्रदान करने का केंद्र बनेगा।”
सेंटर फॉर एक्सीलेंस भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” की सहायता करने और उद्योग 4.0 में उत्पाद विकास के लिए स्टार्ट-अप को विचार से जोड़ने में एक लंबा सफर तय करेगा।
सीओई उक्कुनगरम में लगभग 6000 वर्ग फुट के एक निर्मित स्थान पर तैयार हो रहा है। सीओई का नाम ‘कल्पतरु’ रखा गया है। इसमें एक औद्योगिक रोबोटिक्स प्रयोगशाला होगी, एक औद्योगिक ड्रोन प्रयोगशाला और एक औद्योगिक आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) प्रयोगशाला होगी। केन्द्र को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) के साथ काम करने की क्षमता रखने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करते हुए हाई स्पीड इंटरनेट और सर्वर सेटअप भी प्रदान किया जाएगा।
समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य विशाखापत्तनम में स्टार्टअप-इकोसिस्टम को सहयोग करने के लिए एसटीपीआई, एसटीपीआईएनएक्सटी और आरआईएनएल के बीच मजबूत और सार्थक गठबंधन बनाना है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, भारत सरकार (एमईआईटीवाई), आरआईएनएल और आंध्र प्रदेश सरकार के वित्त पोषण के समर्थन से स्थापित किया जा रहा है।
उद्योग 4.0 पर सीओई उत्पादन, उत्पादकता और सुरक्षा में सुधार के माध्यम से आरआईएनएल को लाभान्वित करेगा। सीओई द्वारा पेश किए गए समाधान संयंत्र और मशीनरी के समग्र उपकरण प्रभावशीलता (ओईई) में भी सहायता करेंगे, संरचनाओं की सेहत की निगरानी, औद्योगिक प्रदूषण का पता लगाने और उसे कम करने में मदद करेंगे।
समझौता ज्ञापन में परामर्श, बुनियादी ढांचे और सुविधाओं तक पहुंच, नेटवर्किंग और वित्त पोषण में एक मजबूत सहयोग की परिकल्पना है। एसटीपीआई और एसटीपीआईएनएक्सटी और आरआईएनएल नवोदित स्टार्ट-अप कंपनियों को उद्योग 4.0 के क्षेत्र में विश्व स्तर के उत्पाद बनाने में सक्षम करेंगे। इसकी 5 वर्षों की अवधि में लगभग 50 स्टार्ट-अप को फिजिकल मोड में और 125 स्टार्ट-अप को वर्चुअल मोड में इनक्यूबेट करने की योजना है। वर्तमान समझौता ज्ञापन पर 3 वर्षों की अवधि के लिए हस्ताक्षर किए जा रहे हैं।
स्टार्ट-अप को प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान इनपुट के रूप में आईआईएम विशाखापत्तनम और आंध्र विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों द्वारा उपयुक्त रूप से सहयोग दिया जाएगा। स्टार्ट-अप को एसएमएस समूह, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, एबीबी, ईओएस और सीमेंस जैसे स्वचालन क्षेत्र के प्रसिद्ध उद्योगों से परामर्श संबंधी सहायता भी प्राप्त होगी। सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) और आईटीएएपी (आंध्र प्रदेश का आईटी एसोसिएशन) जैसे प्रमुख संघ भी सीओई का हिस्सा हैं। वे स्टार्ट-अप के पोषण के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।
सीओई (कल्पतरु) राज्य में अनुसंधान एवं विकास, नवाचार, उत्पाद विकास, उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने और एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ उद्योग 4.0 के क्षेत्र में काम करने के लिए अपनी तरह का अनूठा है। डिजिटलीकरण अभियान में उत्प्रेरक सुधार प्रदान करने और आरआईएनएल में उद्योग 4.0 मानकों के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन की परिकल्पना की गई है।
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