नई दिल्ली, 3 अगस्त, 2022 : एयरबस ने भारत में युवा एविएशन इंजीनियरों को विमानों के रखरखाव का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए देश के विमानन क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास करने में अग्रणी जीएमआर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
जीएमआर हैदराबाद स्थित जीएमआर स्कूल ऑफ एविएशन में युवा प्रशिक्षुओं के लिए एकीकृत एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस इंजीनियर (एएमई) लाइसेंसिंग प्रोग्राम शुरू करेगा। इस कार्यक्रम की अवधि चार वर्ष होगी, जिसमें दो वर्ष कक्षा में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा और अगले दो वर्ष मेंटीनेंस, रिपेयर तथा ओवरहॉल (एमआरओ) ट्रेनिंग जीएमआर ऐरो टैक्निक, हैदराबाद में दिलायी जायेगी, तथा इसके बाद एयरक्राफ्ट टाइप ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की जाएगी।
एयरबस और जीएमआर के बीच इस समझौते के तहत्, एयरबस प्रशिक्षुओं के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर तथा कोर्सवेयर का प्रबंध करेगी जिसमें प्रशिक्षु हैंडबुक, परीक्षा डेटाबेस के अलावा एयरबस के स्वनिर्धारित बुनियादी प्रशिक्षण मॉड्यूल को ऑनलाइन ग्रहण करने की सुविधा शामिल है। साथ ही पाठ्यक्रमों के लिए आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण सामग्री के तौर पर एयरबस कॉम्पेटेंस ट्रेनिंग (एसीटी) फॉर एकेडमी मीडिया पैकेज को भी उपलब्ध कराया जायेगा। एयरबस इसके अलावा जीएमआर के इंस्ट्रक्टर्स को प्रशिक्षण दिलाने के साथ-साथ प्रशिक्षण केंद्र का भी मूल्यांकन करेगी।
रेमी मैय्या, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एयरबस इंडिया एवं दक्षिण एशिया ने कहा, ”जीएमआर के साथ हमारी भागीदारी वास्तव में, घरेलू विमानन उद्योग में भविष्य में पैदा होने वाली भारी मांग के मद्देनज़र देश में एमआरओ क्षमताओं को अधिक मजबूत बनाने की पहल का एक हिस्सा है। एयरबस आगे भी भारत के विस्तृत एरोस्पेस इकोसिस्टम के विकास के लिए अपना योगदान जारी रखेगी जिसमें इसकी बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों के जरिए निर्माण एवं सेवा क्षमताओं को बेहतर बनाना शामिल है।”
इस भागीदारी के बारे में अशोक गोपीनाथ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जीएमआर एरो टैक्निक ने कहा, ”विमानन क्षेत्र तेज़ी से उभर रहा है और 2030 तक भारत दुनिया में सबसे बड़े विमानन बाज़ार के तौर पर अपनी साख बनाने के लिए तैयार है। हवाई यातायात के बढ़ने से देश के वाणिज्यिक विमानन बेड़े में काफ़ी विस्तार हो रहा है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने तथा उद्योग को सहयोग देने के लिए, कुशल पेशेवरों की आवश्यक्ता है।
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