विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि भारत के साथ अपने सीमा समझौतों का चीन सम्मान नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी टकराव दोनों देशों के सम्बंधों पर छा रहा है और यह सम्बंध बहुत कठिन दौर में हैं।
डॉक्टर जयशंकर ने आज ब्राजील के साओ पाउलो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि इसमें कोई गोपनीयता नहीं है कि भारत और चीन के सम्बंध बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। हमने चीन के साथ 1990 के दशक की स्थिति में लौटने के समझौते किए हैं, जिनमें सीमा क्षेत्रों में सैनिकों के एकत्र होने का निषेध किया गया है।
उन्होंने कहा कि चीन इनका सम्मान नहीं कर रहा है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा है कि कोई सम्बंध एक तरफा नहीं हो सकता है और स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए आपसी सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि चीन पड़ोसी है और हर कोई अपने पड़ोस के साथ रहना चाहता है, लेकिन इसकी तर्क संगत स्थिति होनी चाहिए।
यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान ऑपरेशन गंगा की सफलता का उल्लेख करते हुए डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारत अब बड़ी चीजें करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारत आज़ादी के 75 साल मना रहा है। इस समय भारत आशावाद से भरा हुआ है।
डॉक्टर जयशंकर अर्जेंटीना और पैराग्वे समेत लेटिन अमरीकी देशों की तीन दिन की यात्रा के पहले चरण में ब्राजील के साओ पाउलो में भारतीय समुदाय से मुलाकात की।
डॉक्टर जयशंकर ने ब्राजील और भारत के बीच प्रभावी सेतु बनने के लिए भारतीय समुदाय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत-ब्राजील के बीच सद्भावपूर्ण संबंध है और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है।
यात्रा के दौरान विदेश मंत्री तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे।
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