कोलकाता, 02 सितम्बर। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीसीआई (JBCCI) की छठवीं बैठक खत्म हो गई। यूनियन की ओर से 30 फीसदी एमजीबी और प्रबंधन द्वारा 10 प्रतिशत के प्रस्ताव पर बात अटकी हुई है। अगली बैठक में इस पर चर्चा होगी।
कोलकाता स्थित कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के मुख्यालय में चल रही इस बैठक में मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) को लेकर गहन चर्चा हो रही है।
बताया गया है कि सीआईएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने यूनियन एवं जेबीसीसीआई सदस्यों से कहा कि चार्टर ऑफ डिमांड में उल्लेखित मांग को छोड़ दें। चेयरमैन ने यूनियन से कहा कि वे 20 फीसदी की मांग पर आएं। यदि वे 20 प्रतिशत एमजीबी की मांग पर आते हैं तो प्रबंधन 3 फीसदी से आगे बढ़ेगा।
सीटू एवं एटक के नेताओं ने एमजीबी के लिए पृथक कमेटी बनाकर कर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन एमएचएस ने इसका विरोध किया। बीएमएस नेताओं ने जेबीसीसीआई की फुल बेंच में ही एमजीबी के मुद्दे पर चर्चा करने एवं निर्णय लेने कहा। लंच तक किसी ठोस नतीजे तक चर्चा नहीं पहुंच सकी।
इधर, लंच ब्रेक के दौरान चारों यूनियन एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक के सभी नेतागणों ने आपसी संवाद किया। लंच के बाद शुरू होने वाली बैठक की रणनीति तय की गई।
करीब पौने चार बजे जेबीसीसीआई की बैठक दोबारा शुरू हुई तो यूनियन ने 35 फीसदी एमजीबी की डिमांड प्रबंधन के समक्ष रखी। डीपी ने कहा यह मांग उचित नहीं है। चेयरमैन ने कहा कि 35 फीसदी की मांग ज्यादा है, यह निगोशिएबल नहीं है। यूनियन 35 प्रतिशत पर अड़ा हुआ है। प्रबंधन के लोग इस मसले पर अलग से आपस में बात कर रहे है। बताया गया है कि यूनियन की 35 फीसदी की मांग पर प्रबंधन ने आपस में चर्चा कर 7 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव रखा है। यूनियन ने प्रबंधन के 7 फीसदी एमजीबी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। यूनियन ने एक फिर से आपस में चर्चा कर बैठक में लौटने की बात कही है।
यूनियन ने आपसी चर्चा कर अब प्रबंधन के समक्ष 30 फीसदी एमजीबी की मांग रखी है। इसके जवाब में प्रबंधन 7 से 10 प्रतिशत पर आया है।
जेबीसीसीआई की 6वीं बैठक खत्म हो गई। यूनियन की ओर से 30 फीसदी एमजीबी और प्रबंधन द्वारा 10 प्रतिशत के प्रस्ताव पर बात अटकी हुई है।
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