नई दिल्ली, 20 सितम्बर। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते में DPE (Department of Public Enterprises) रूपी फंसी पेंच के निकलने के असार नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि डीपीई की गाइडलाइन (कार्यालय ज्ञापन 24.11.2017) के प्रावधानों में छूट मिल सकती है।
प्रभात खबर के अनुसार कोयला मंत्रालय ने इस संदर्भ में कोल इंडिया (CIL) से मंतव्य मांगा है। कहा जा रहा है कि कोल इंडिया से राय मिलने के बाद कोयला मंत्रालय द्वारा डीपीई से नियमों में छूट के लिए पत्राचार किया जाएगा। दो अगस्त को कोयला मंत्री के साथ चारों यूनियन लीडर्स की हुई बैठक के दौरान डीपीई का मुद्दा उठाया गया था और नियमों को शिथिल करने आग्रह किया गया था। बाद में 8 अगस्त को एचएमएस, सीटू, एटक के नेता क्रमशः नाथूलाल पांडे, डीडी रामनंदन, रमेन्द्र कुमार ने संयुक्त रूप से डीपीई में छूट को लेकर कोल सचिव को पत्र भी भेजा था। इस पत्र में बीएमएस ने हस्ताक्षर नहीं किए थे।
यहां बताना होगा कि डीपीई की गाइडलाइन की वजह से यूनियन की मांग के लिहाज से मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) पर बात नहीं बन पा रही है। जेबीसीसीआई (Joint Bipartite Committee for the Coal Industry) की 6वीं बैठक में प्रबंधन ने अधिकतम 10 प्रतिशत एमजीबी देने का प्रस्ताव रखा था। यूनियन अपनी 50 फीसदी की मांग से 30 प्रतिशत एमजीबी पर आया था।
जेबीसीसीआई की 16 फरवरी को हुई तीसरी बैठक में सीआईएल के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) ने स्पष्ट किया था कि कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया को डीपीई के कार्यालय ज्ञापन (24.11.2017) के आलोक में NCWA- XI को अंतिम रूप देने JBCCI का गठन करने अधिकृत किया गया है। बैठक के मिनट्स के कंडिका क्रमांक 15 के प्रथम बिंदु में इसका उल्लेख है।
कंडिका क्रमांक 15 के दूसरे बिंदु में उल्लेखित किया गया है कि कोयला मंत्रालय को यह सूचित करना होगा कि, जो समझौता हुआ है वह डीपीई की गाइडलाइन (कार्यालय ज्ञापन 24.11.2017) के प्रावधानों के अनुरूप है।
कंडिका 16 के अनुसार सीआईएल प्रमोद अग्रवाल के हवाले से उल्लेख किया गया है कि डीपीई की गाइडलाइन के अनुरूप 11वें वेतन समझौते को अंतिम रूप देना होगा।
जेबीसीसीआई की तीसरी बैठक में उठाए गए बिंदु और प्रबंधन द्वारा रखी गई बातों पर विचार्र विमर्श के बाद बनी सहमति के आधार पर तैयार की गई कंडिका 17 में कहा गया है कि डीपीई के नियमों को लेकर कोयला मंत्रालय से छूट मांगी जाएगी।
दरअसल वेतन समझौते को पूरा करने में डीपीई की गाइडलाइन एक बड़ा रोड़ा है। इसके नियमों में छूट दिए बगैर यह रोड़ा बरकरार रहेगा। देखना यह होगा कि 7वीं बैठक के पूर्व इस संदर्भ में क्या निर्णय लिया जाता है। यह भी कहा जा रहा है कि यदि छूट मिल भी गई तो प्रबंधन अधिकतम 15 से 18 के बीच ही एमजीबी प्रदान करने सहमत होगा।
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