कोरबा (आईपी न्यूज)। एनटीपीसी, सीपत बिलासपुर के क्षमता विस्तार की पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु 25 फरवरी को लोक सुनवाई का आयोजन किया गया है। सीपत स्थित संयंत्र परिसर में चरण – 3 के तहत 800 मेगावाट क्षमता वाली इकाई स्थापित की जाएगी। इसकी लागत 9,484 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह प्रोजेक्ट एडवांस्ड अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित होगा। इधर, 800 मेेगावाट क्षमता वाली इकाई के अस्तित्व में आ जाने पर सालाना 65 लाख टन राख का उत्सर्जन होगा। अभी सीपत संयंत्र से 5.21 मिलियन टन राख का उत्सर्जन हो रहा है। ईआईए रिपोर्ट के अनुसार नई इकाई से सालाना 10 लाख 30 हजार टन राख निकलेगी। 800 मेेगावाट क्षमता वाली यूनिट के लिए नए राखड़ बांध की आवश्यकता नहीं पड़ने की बात कही गई है। यह दावा किया गया हैै कि 2980 मेगावाट क्षमता वाले सीपत संयंत्र का मौजूदा बांध नई इकाई से उत्सर्जित राख के भण्डारण के लिए पर्याप्त है। वर्तमान में 970 एकड़ भूमि पर राखड़ बांध उपलब्ध है। यहां बताना होगा कि एनटीपीसी सीपत संयंत्र राख की उपयोगिता के मामले में पिछड़ा हुआ है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकारण की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार सीपत संयंत्र की राख उपयोगिता केवल 18.65 फीसदी थी। नवम्बर 2019 की रिपोर्ट के अनुसार सीपत के बांध में 3 करोड़ 51 लाख टन से ज्यादा मात्रा में राख का स्टाॅक है। एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा क्षमता विस्तार तो किया जा रहा है, लेकिन राख की उपयोगिता के मामले में गंभीर नहीं है। संयंत्र व राखड़ बांध से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से क्षेत्र के लोगों को परेशानी हो रही है और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।

  • Website Designing