कोरबा (आईपी न्यूज़)। शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत ने पाली के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रंागण में आयोजित पाली महोत्सव का समापन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष में महोत्सव को भव्य रूप देने के लिये सरकार हर सम्भव सहायता और मदद के लिये आग्रह करने की बात कही। डाॅ. महंत ने कहा कि ऐतिहासिक शिव मंदिर सहित पाली के पुरातन इतिहास और वैभव को देश-विदेश में प्रचारित-प्रसारित करने के लिये यह महोत्सव एक बेहतर साधन है। उन्होंने इस महोत्सव को राजिम पुन्नी मेला महोत्सव की तरह प्रसिद्ध करने और इसे बेहतर बनाने पर जोर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने इस महोत्सव को आने वाली पीढ़ी के लिये पौराणिक सांस्कृतिक संस्कारों से जोड़ने और उन्हें आत्मसात करने के लिये प्रेरित करने वाला आयोजन बताया। इस अवसर पर प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक दुर्ग देवेन्द्र यादव, सांसद बस्तर दीपक बैज, मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम कंवर, विधायक पाली तानाखार मोहित राम केरकेट्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, नगर पंचायत पाली के अध्यक्ष उमेश चंद्रा, जनपद पंचायत पाली की अध्यक्ष दिलेश्वरी सिदार, कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, नगर पंचायत पाली के उपाध्यक्ष नवीन सिंह, कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, एसपी जितेन्द्र सिंह मीणा सहित मध्य प्रदेश से आये जनप्रतिनिधि रामकुमार पटेल, कोरबा नगर निगम के पार्षद सुरेन्द्र जायसवाल, पूर्व विधायक द्वय बोधराम कंवर एवं श्यामलाल कंवर, सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा भी मौजूद रहे।
अपने संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष श्री महंत ने पाली क्षेत्र के विकास के लिये सड़कों और पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर जोर दिया और मंच पर मौजूद गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू से इस दिशा में जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। डाॅ. महंत ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाजों, संस्कृति-सभ्यता और चिन्हारियों के संरक्षण तथा संवर्धन के लिये सभी जरूरी निर्णय ले रही है और उन्हें लागू भी कर रही है। उन्होंने सरकार के इस काम में जन भागीदारी और जन सहयोग की भी जरूरत बतायी और उपस्थित जन समुदाय से इसके लिये हर संभव मदद देने का आह्वाहन किया।
अपने उद्बोधन में डाॅ. महंत ने बताया कि पाली महोत्सव में पिछले वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो वादे क्षेत्र की जनता से किये थे उनमें से अधिकांश पूरे हो गये हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयास से कोरबा में मेडिकल काॅलेज की स्थापना को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। डाॅ. महंत ने संभावना व्यक्त की कि मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया के निरीक्षण के बाद आने वाले सत्र से ही इस काॅलेज में विद्यार्थी डाॅक्टरी की पढ़ाई शुरू कर सकेंगे। डाॅ. महंत ने मेडिकल काॅलेज की स्थापना को कोरबा के विकास के लिये मील का पत्थर बताया और कहा कि इससे एक ओर जहाॅं स्थानीय विद्यार्थियों को भी डाॅक्टरी की पढ़ाई के लिये एक अतिरिक्त काॅलेज की सुविधा मिल जायेगी वहीं दूसरी ओर कोरबा में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी में भी इसकी अग्रणी भूमिका रहेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदूषण को रोकने और कम करने में लोगों की भागीदारी और इच्छाशक्ति को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने पाली तथा कोरबा के वनांचलों में मिलने वाले शहद, चार-चिरांैजी और सुगन्धित चांवल आदि का व्यावसायिक उत्पादन और उनकी मार्केटिंग के लिये भी प्रयास करने की जरूरत बतायी ताकि लोगों को इन वनोत्पादों से भी अतिरिक्त आमदनी हो सके और कोरबा तथा पाली क्षेत्र की पहचान देश-विदेश में बन सके। मंत्री ताम्रध्वज साहू ने छत्तीसगढ़ी बोली में अपना पूरा उद्बोधन दिया। उन्होंने पाली महोत्सव को छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों को अपनी प्रतीभा का प्रदर्शन करने के लिये अच्छा मंच बताया। श्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ी संस्कृति और सामाजिक समसरता को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। छत्तीसगढ़ की हर एक लोक विधा, लोक संस्कृति और रीति-रिवाजों को आज की पीढ़ी को बताने-सिखाने के लिये यह काम जरूरी है, ताकि छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों की पहचान देश-विदेश में बनी रह सके। मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनायें देते हुये कहा कि पाली महोत्सव पाली ही नहीं बल्कि कोरबा जिले की पहचान बनते जा रहा है। कोरबा में चैतुरगढ़, बुका जलाशय, सतरेंगा बांगो बांध, देवपहरी के साथ-साथ पाली का ऐतिहासिक शिव मंदिर और पाली महोत्सव पर्यटन की नई संभावनाओं के रूप मंे विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाली महोत्सव को बेहतर बनाने के लिये सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हर सम्भव प्रयास कर रही है। पिछले वर्ष ही मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस महोत्सव के लिये शासकीय सहायता की घोषणा की थी और इस महोत्सव को आगे भी भव्य रूप देने के लिये मुख्यमंत्री से हर सम्भव मदद की गुहार लगाई जायेगी। कलेक्टर किरण कौशल ने इस अवसर पर समारोह का महत्व बताया और कहा कि महोत्सव स्थल पर लगे विभागीय स्टाॅलों में आगंतुक किसानों एवं आमजनों को शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी मिल रही है। इस महोत्सव से प्रदेश सहित पाली की स्थानीय सांस्कृतिक विधाओं और उनके स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर भी मिल रहा है। कार्यक्रम को मोहित राम केरकेट्टा ने भी संबोधित किया।
स्थानीय कलाकारों व विद्यार्थियों ने दी मोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
पाली महोत्सव का समापन समारोह की शुरूआत राजकीय गीत अरपा पैरी की धार से हुई। एकलव्य विद्यालय छुरीकला की छात्राओं ने रंग बिरंगी पोशाकों में आकर्षक लोकनृत्य प्रस्तुत किया। मुनगाडीह के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने केदारनाथ शिव मंदिर पर आधारित शिव महिमा को प्रदर्शित करते लोकनृत्य से महाशिवरात्रि पर माहौल भक्तिमय कर दिया। छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल पाली के छात्र-छात्राओं ने आकर्षक करमा लोकनृत्य प्रस्तुत किया तो शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाली के विद्यार्थियों ने राजगीत अरपा पैरी के धार को मंच पर जीवंत कर दिया। कटघोरा के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने भी अपनी नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पोड़ीउपरोड़ा और एकलव्य आवासीय विद्यालय पाली के विद्यार्थियों ने भी स्थानीय लोकगीत की धुनों पर लयबद्ध लोकनृत्य से शमा बांधा। कोरबा के सुधिन दास रंग महल म्युजिकल ग्रुप ने भी गीतों के सुर ताल से महोत्सव की शोभा बढ़ाई।
स्थानीय कार्यक्रमों के बाद छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोक गायिका अल्का चंद्राकर के गीतों ने भी लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रसिद्ध भजन गायक प्रभंजन चतुर्वेदी के भजनों ने पूरे महोत्सव की शाम को भक्तिमय बना दिया। छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी लोकनाट्य संस्था चंदैनी गांेदा के सदस्यों ने खुमान संगीत के नाम से प्रसिद्ध अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को बांधे रखा। चंदैनी गोंदा की प्रस्तुतियों से लोग छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोककला से रूब-रू हुये और उसका खूब लुफ्त उठाया। लोगों ने महोत्सव के समापन के दिन सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भरपूर आनंद लिया।

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