नई दिल्ली, 03 फरवरी। कोयला मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख उद्यम- सीपीएसई महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) ने ड्रोन और जमीनी स्तर की नियंत्रण प्रणाली के साथ एक वेब-आधारित पोर्टल विहंगम लॉन्च करते हुए कोयला खदानों में ड्रोन तकनीक की शुरुआत की है।
पोर्टल, अधिकृत कर्मी को खानों के पास विशेष रूप से अधिकृत 40 एमबीपीएस इंटरनेट लीज लाइन के माध्यम से वास्तविक समय के ड्रोन वीडियो का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करता है। इसमें एक नियंत्रण केंद्र भी है, जो ड्रोन को संचालित करता है और खास बात यह है कि पूरी प्रणाली को कहीं से भी पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जा सकता है। यह प्रायोगिक परियोजना वर्तमान में तालचेर कोलफील्ड्स की भुवनेश्वरी और लिंगराज ओपनकास्ट खदानों में शुरू की गई है।
इसे भी पढ़ें : DPE ने कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनियां को प्रदान की रैंकिंग
वर्तमान में एमसीएल खनन प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के उद्देश्य से पर्यावरण निगरानी, मात्रा माप तथा खदान की फोटोग्राममेट्रिक मैपिंग के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है।
एमसीएल ने रिकॉर्ड कोयला उत्पादन को और बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक को इस्तेमाल करने के अलावा, सुरक्षा मानकों को नवीनतम करने के उद्देश्य से आधुनिक उपकरणों के उपयोग को भी आगे बढ़ाया है। इसने हाल ही में अपने कोयला स्टॉकयार्ड में रोबोटिक नोजल वाटर स्प्रेयर तैनात किया है। कोयला कंपनियां कठिन और खतरनाक कार्य करने हेतु रोबोट की सहायता वाली अग्निशमन मशीन एवं धूल को नियंत्रित करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करती हैं।
इसे भी पढ़ें : 28 कोयला खदानों ने 100% से अधिक उत्पादन किया, कोयला आधारित पॉवर प्रोडक्शन 17.79% बढ़ा
यह उपकरण धुंध के रूप में 70 मीटर तक पानी का छिड़काव कर सकता है। नोजल को घुमावदार नोजल भी कहा जाता है, जो 28 किलोलीटर क्षमता के पानी के टैंकर पर स्थापित किया जाता है।
महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ओडिशा के सुंदरगढ़, झारसुगुडा और अंगुल जिलों में कोयला खनन गतिविधियों में कार्यरत है, जो भारत में उत्पादित कुल कोयले में 20% से अधिक का योगदान देता है।
Web Stories click here: https://www.industrialpunch.com/web-stories/top-10-profit-making-cpses-in-fy-2021-22/