नई दिल्ली। खनन क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी एवं वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) का मूल्यांकन काफी ऊंचा है और उनकी कंपनी अंतिम बोली दस्तावेज सामने आने के बाद उसके लिए बोली लगाने की संभावना पर विचार करेगी। अग्रवाल ने बीपीसीएल के लिए बोली लगाने की इच्छा जताई थी। बीएसई में शुक्रवार को कारोबार बंद होने के समय बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 92,464.40 करोड़ रुपये था। इस मूल्य पर कंपनी में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी 49,000 करोड़ रुपये की बैठेगी। इसे देश में निजीकरण की सबसे बड़ी प्रक्रिया कहा जा रहा है।
बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वाली कंपनी को अल्पांश शेयरधारकों से 26 प्रतिशत और हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश लानी है। इसके लिए उसे 24,000 करोड़ रुपये और खर्च करने पड़ेंगे। अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से बोली लगाने के इच्छुक हैं, लेकिन मूल्यांकन काफी ऊंचा है। बोली दस्तावेज अभी नहीं आया है। इसके आने के बाद हम सावधानी से इसका आकलन करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल नवंबर में कंपनी में हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी। उसके बाद से कंपनी के शेयर का मूल्य 40 से 50 प्रतिशत बढ़ चुका है।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘बीपीसीएल और हमारे कारोबार में तालमेल बैठ सकता है। हम देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कच्चा तेल उत्पादक हैं और बीपीसीएल के पास इनके प्रसंस्करण के लिए रिफाइनरियां हैं। इसके अलावा उसके पास इनसे उत्पादित ईंधन की बिक्री के लिए पेट्रोल पंप भी हैं।’’ सरकार की योजना बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की है। इससे खरीदार को सीधे देश की 14 प्रतिशत तेल रिफाइनिंग क्षमता मिल जाएगी। इसके अलावा उसे ईंधन बाजार में करीब 20 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी मिलेगी। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता ऊर्जा बाजार है।

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