नई दिल्ली। वेदांता समूह के मुखिया अनि अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि उनका समूह भारत में चिप बनाने की गुजरात में प्रस्तावित अपनी संयुक्त उद्यम परियोजना को दो-ढाई साल के अंदर खड़ी कर के उसमें उत्पादन चालू करना चाहता है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि उनका प्रयास चिप फैक्ट्री के साथ-साथ कंप्यूटर प्रणालियों में मस्तिष्क का काम कराने वाले माइक्रो चिप्स के विनिर्माण के पारिस्थितकी तंत्र को भी विकसित करेगी। श्री अग्रवाल भारत में वेदांता- फॉक्सकॉन चिप निर्माण संयंत्र की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हमने गुजरात को चुना है। वहां की जमीन और बुनियादी सुविधाएं वास्तव में अच्छी हैं। हमारा प्रयास है कि चिप का उत्पादन दो-ढाई वर्ष में शुरू हो जाए। इसके साथ साथ हम इसमें सहायक पारिस्थितिकी तंत्र का भी विकास करना चाहते हैं । ”
उल्लेखनीय है कि वेदांता ने देश की पहली सेमीकंडक्टर निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए पिछले साल ताइवान की कंप्यूटर चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन के साथ एक संयुक्त उद्यम का समझौता किया था। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार भारत में माइक्रो चिप फैक्ट्री की स्थापना के लिए प्राप्त प्रस्तावों पर फैसला दो एक सप्ताह में कर सकती है।
वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने कहा कि अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश की मजबूत प्रगति का हवाला देते हुए भारत में गिना जाना चाहिए। पहले विश्व राष्ट्र के रूप
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को भारत को अन्य आर्थिक महाशक्तियों के बीच पहुंचाने का श्रेय देते हुए कहा कि ऐसे दो क्षेत्र हैं नवीकरणीय और हाइड्रोजन-संचालित ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में भारत उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि चिप निर्माण क्षमता भारत को बदल देगी। भारत ने कई चुनौतियों के बावजूद सेमीकंडक्टर चिप्स विकसित करने के लिए एक ठोस रोडमैप बनाया है। चिप ऑटोमोबाइल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान तक में अति ममत्वपूर्ण अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि भारत में चिप निर्माण एक सपना था जो इस सरकार की दृष्टि के कारण वास्तविकता में बदल गया है।