नई दिल्ली, 30 मार्च। वित्तीय वर्ष 2022- 23 समाप्त होने जा रहा है, लेकिन कोयला कामगारों का 11वां वेतन समझौता फाइनल नहीं हो सका है। इधर, डीपीई में अटके 19 फीसदी एमजीबी के मामले को लेकर सीआईएल चेयरमैन एवं निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) ने कोयला मंत्री से मुलाकात की है।
इसे भी पढ़ें : इंटक को JBCCI में एंट्री से रोकने के कानूनी रास्ते बंद, अब 9वीं बैठक की सूचना का इंतजार
बताया गया है कि मंगलवार को नई दिल्ली में यह मुलाकात हुई है। चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल एवं निदेशक विनय रंजन की कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी से क्या चर्चा हुई है, इसकी जानकारी स्पष्ट तौर पर नहीं मिल सकी है। उच्च सूत्रों ने बताया है कि अधिकारीद्वय ने मंत्री को सीआईएल के उत्पादन व डिस्पैच की स्थिति की जानकारी दी है। साथ ही कोयला कामगारों के वेतन समझौते को लेकर भी चर्चा की गई है।
सूत्र कह रहे हैं कि चर्चा का मुख्य विषय डीपीई का वह ऑफिस मेमोरेंडम था, जिसकी वजह से सहमति बनने के बावजूद 19 फीसदी एमजीबी को स्वीकृति नहीं मिल पा रही है।
यहां बताना होगा कि 27 मार्च को कोलकाता स्थित कोल इंडिया मुख्यालय में प्रबंधन और चार यूनियन नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें डीपी ने कोयला मंत्री से 28 मार्च को मुलाकात समय लिए जाने की जानकारी दी थी।
इसे भी पढ़ें : कमॅर्शियल माइनिंग का 7वां चरण शुरू, कोयला मंत्री बोले- इस वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन 880 MT तक होने की उम्मीद
बहरहाल देखना है कि कोल इंडिया हाईकमान द्वारा कोयला मंत्री से मीटिंग के बाद 19 फीसदी एमजीबी का मसला सुलटता है या नहीं।