नई दिल्ली, 28 अप्रेल। कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMOAI) अपेक्स बॉंडी के पदाधिकारियों का कोलकाता आगमन हो चुका है। गुरुवार को पदाधिकारियों ने बैठक कर रणनीति तय की। 28 अप्रेल को 11 बजे से सीआईएल मुख्यालय प्रबंधन के साथ वेतन विवाद को लेकर बैठक होगी।

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इस बैठक में सीआईएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन, निदेशक (तकनीकी) बी वीरा रेड्डी, निदेशक (व्यवसाय विकास) देबाशीष नंदा, निदेशक (विपणन) मुकेश चौधरी सम्मिलित होंगे। सीएमओएआई की ओर से अध्यक्ष डीएन सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, एवी रेड्डी, महासचिव सर्वेश सिंह, संयुक्त महासचिप डी साहो, अजीत कुमार मिश्रा, कोषाध्यक्ष शरद तिवारी, संयुक्त कोषाध्यक्ष अजय कुमार राय शामिल होंगे।

यहां बताना होगा सीएमओएआई द्वारा कोयाला कामगारों के 11वें वेतन समझौते से निर्मित हो रहे वेतन विवाद की ओर कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया प्रबंधन का निरंतर ध्यान दिलाया जा रहा है। सीएमओएआई ने 18 अप्रेल को फिर से कोल सेक्रेटरी को 18 बिन्दुओं वाला एक पत्र प्रेषित किया था। इस पत्र के मिलने के बाद कोल सेक्रेटरी कार्यालय ने सीआईएल (CIL) प्रबंधन को सीएमओएआई के साथ बैठक करने कहा। इसके बाद सीआईएल प्रबंधन ने 28 अप्रेल को मीटिंग कॉल की। इसके पहले सीएमओएआई के पदाधिकारियों ने 20 मार्च को कोल सेकेटरी अमृतलाल मीणा के साथ मीटिंग की थी। साथ ही कोयला मंत्री से भी मुलाकात की थी। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते से निर्मित हो रहे वेतन विवाद के कारणों को रखा गया था। कामगार और अधिकारी वर्ग के वेतन में बन रहे सकल अंतर को चार्ट के जरिए बताया गया था।

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सीएमओएआई अतिरिक्त वेतन वृद्धि की मांग कर रहा है ताकि एग्जीक्यूटिव वर्ग के वेतन को कंपेंसेट किया जा सके। पहले एग्जीक्यूटिव वर्ग को कोलफील्ड अलाउंस दिया जाता था, उसे भी बंद कर दिया गया। सीएमओएआई के अनुसार एग्जीक्यूटिव वर्ग को एडिशनल इन्क्रीमेंट और बेसिक का 7 से 10 फीसदी कोलफील्ड अलाउंस दिया जा सकता है। इसके लिए डीपीई की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए कोल इंडिया प्रबंधन को एक नोट तैयार कोयला मंत्रालय को भेजना होगा। इसे स्वीकृति प्रदान करने का पूरा अधिकार कोयला मंत्रालय के पास है।

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