कोरबा, 9 जून। शुक्रवार को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की दीपका परियोजना के क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जनसुनवाई हुई। इस दौरान क्षेत्र के लोगों और तमाम संगठनों ने प्रदूषण, पर्यावरण संबंधी अन्य मुद्दों तथा रोजगार, विस्थापन, मुआवजा आदि को लेकर अपनी बात रखते हुए खदान विस्तार की मुखालफत की। हालांकि कई लोगों ने खदान विस्तार का समर्थन भी किया।
यहां बताना होगा कि एसईसीएल द्वारा दीपका परियोजना की क्षमता 37.50 मिलियन टन से बढ़ाकर 40 मिलियन टन करने की तैयारी में है। इसके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति की आवश्यकता होगी। इस हेतु एसईसीएल प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था। इसी परिप्रेक्ष्य में यह जनसुनवाई अयोजित की गई। क्षमता विस्तार से खदान का क्षेत्रफल 1994.293 हेक्टेयर से बढ़कर 1999.386 हेक्टेयर होगा। क्षमता विस्तार के दायरे में दीपका, चैनपुर, बेलटिकरी, झिंगटपुर, झाबर, सिरकी, रेंकी, सुवाभोंडी, रतिजा, मलगांव की भूमि आएगी।
इसके पूर्व 6 जून को एसईसीएल की गेवरा परियोजना के क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जनसुनवाई हुई थी। गेवरा परियोजना की क्षमता 52.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 70 मिलियन टन किया जाना है। इस जनसुनवाई में भी खासा विरोध हुआ था।