नई दिल्ली, 10 जून। कर्मचारी संगठनों ने वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी को स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) से परे कुछ भी मंजूर नहीं है। इस कमेटी की शुक्रवार को बैठक हुई थी। इस बैठक में स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ’जेसीएम’ के पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए थे।

कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कमेटी से कहा कि इस समस्या को हल करने का एकमात्र तरीका यही है कि बिना गारंटी वाली ’NPS’ योजना को खत्म किया जाए एवं गारंटी वाली ’पुरानी पेंशन योजना’ को बहाल किया जाए। समिति के अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि कर्मचारी पक्ष द्वारा अपने ज्ञापन में दिए गए सभी बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा चर्चा के दौरान जो भी पॉइंट उठे हैं, उन पर गौर होगा। जो भी फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी, उसमें कर्मचारी पक्ष द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

यहां बताना होगा कि केन्द सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यों की कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी को मौजूदा एनपीएस की समीक्षा कर उसके ढांचे और कार्यप्रणाली में बदलाव की जरूरत है या नहीं, यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। बैठक में नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के सदस्य सी. श्रीकुमार और स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ’जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा सहित कई पदाधिकारियों ने भाग लिया। एआईडीईएफ के महासचिव श्रीकुमार ने बताया, वित्त सचिव के साथ बैठक में हिस्सा लेने से पहले कर्मचारी संगठनों ने अलग से एक बैठक की थी। विस्तृत चर्चा के बाद सर्वसम्मति से कई निर्णय लिए गए। बाद में कमेटी को दिए ज्ञापन में उन सभी निर्णयों को शामिल किया गया।

कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों ने कमेटी के समक्ष अपनी मांगों के समर्थन में तमाम तर्क पेश किए। कमेटी को बता दिया गया कि एनपीएस को हर सूरत में समाप्त करना होगा। इसके स्थान पर परिभाषित एवं गारंटीशुदा पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना पड़ेगा। पहली जनवरी 2004 को या उसके बाद भर्ती हुए कर्मचारियों पर लागू राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को वापस लेने ही एकमात्र विकल्प है। सरकार, ऐसे सभी कर्मियों को, जो जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए हैं, उन्हें सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 के तहत पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाया जाए। एनपीएस में कोई भी सुधार कर्मचारियों के लिए किसी काम का नहीं होगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने यह मांग कभी नहीं की थी। एनपीएस में शामिल कर्मचारियों को जीपीएफ योजना का लाभ दिया जाए। केंद्र सरकार, जीपीएफ खाते में रिटर्न के साथ संचित कर्मचारी योगदान जमा कराए।

पुरानी पेंशन स्कीम 

  • इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
  • पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
  • पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार के राजकोष से होता है।
  • इस स्कीम में 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
  • रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
  • पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) का प्रावधान है।
  • इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महगाई भर्ती (डीए) का प्रावधान है।

नई पेंशन स्कीम

  • कर्मचारी की बेसिक सैलटी $ डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है।
  • एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यह सुरक्षित नहीं है।
  • इसमें छह महीने बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है।
  • यहां रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
  • एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
  • इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है।
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