मालूम हो कि अब तक 10वीं और 12वीं में केस स्टडी के सवाल पूछे तो जाते थे, लेकिन उसकी न तो संख्या निर्धारित थी और न ही अंक निर्धारित था। ज्ञात हो कि अभी तक नौवीं से 12वीं तक वस्तुनिष्ठ, बहुविकल्पीय, लघु व दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न के ही अंक निर्धारित रहते थे। इसी में केस स्टडी के प्रश्न पूछे जाते थे।

केस स्टडी के लिए अलग से अंक का निर्धारण नहीं था। इससे छात्रों को उत्तर देने में दिक्कत होती थी। कई बार तो छात्र केस स्टडी की तैयारी भी नहीं करते थे। बोर्ड की मानें तो अब तक वाणिज्य संकाय के अर्थशास्त्र और बिजनेस स्टडी विषयों में ही केस स्टडी के लिए अंक निर्धारित थे।

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