बिलासपुर, 29 सितम्बर। गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, भारत सरकार से प्राप्त निर्देशानुसार एसईसीएल मुख्यालय में हिंदी पखवाड़ा का आयोजन 14 सितम्बर 2023 से किया गया जिसका समापन 28 सितम्बर को एसईसीएल मुख्यालय प्रशासनिक भवन के सीएमडी सभागार में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा के मुख्य आतिथ्य, निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल, निदेशक (वित्त) श्री जी. श्रीनिवासन, निदेशक (कार्मिक) श्री देबाशीष आचार्या के विशिष्ट आतिथ्य, विभिन्न विभागाध्यक्षों, क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मियों, एसईसीएल मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने कहा भारत बहुभाषा-भाषी राष्ट्र है लेकिन हिंदी वह भाषा है जो भारत की एकता का प्रतीक है, यह हम सबको एक-दूसरे से आपस में जोड़ती है। हमें अधिकाधिक हिन्दी में बिना झिझक वार्तालाप व कार्यालयीन कार्य करना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन में इस वर्ष अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में उत्साह से हिंदी प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों के भाग लेने पर आयोजकों व प्रतिभागियों को धन्यवाद व्यक्त किया।
निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल ने आव्हान करते हुए कहा अपने कार्य में मूलरूप से हिंदी को अपनाएं एवं अपने अधिकारियों-कर्मचारियों, सहयोगियों को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करें जिससे ज्ञान में वृद्धि के साथ-साथ हिंदी के पत्राचार में भी वृद्धि होगी। उन्होंने हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए भाग लेने वाले अन्य समस्त प्रतिभागियों को भविष्य के लिए अपनी ओर से शुभकामनाऍ दी।
निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन ने कहा हिंदी के प्रति अपने रूझान को साल भर रखें तभी हम कोलइण्डिया में उत्पादन-उत्पादकता के साथ अन्य चीजों के समान हिंदी पत्राचार में भी सर्वश्रेष्ठ रहेंगे।
निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या ने कहा हिंदी सहज, सरल भाषा है जिसका अधिकाधिक कार्यालयीन कायों में उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा हम ’’क’’ क्षेत्र में आते हैं अतः हमें अधिकाधिक कार्य हिंदी में करना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के करकमलों से पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं- हिंदी निबंध प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी हेतु अलग-अलग), चित्र आधारित हिंदी कहानी लेखन प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी हेतु अलग-अलग), कम्प्यूटर आधारित हिंदी टंकण प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी के लिए एक साथ), विभागाध्यक्षों/महाप्रबंधक/अनुभाग प्रमुख/मुख्य प्रबंधक के लिए हिंदी पत्र व टिप्पण-लेखन, हिंदी व्याकरण ज्ञान प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी हेतु अलग-अलग), हिंदी पत्र व टिप्पण लेखन (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी हेतु अलग-अलग), तात्कालिक हिंदी भाषण प्रतियेागिता (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी हेतु एक साथ), हिंदी स्व-रचित कविता पाठ प्रतियेागिता (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी हेतु एक साथ), हिंदी अंताक्षरी प्रतियोगिता (अन्य भाषी एवं हिंदी भाषी हेतु एक साथ) के प्रथम-द्वितीय-तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किया गया ।
इसके साथ ही 01.01.2023 से 30.06.2023 तक के दौरान सबसे अधिक हिंदी में पत्राचार करने वाले विभागों को स्व. शंकर दयाल सिंह स्मृति राजभाषा शील्ड से पुरस्कृत किया गया जिसमें ’’वर्ग एक-तकनीकी स्वरूप के विभाग’’-में ’’प्रथम-ईएण्डटी विभाग’’, ’’द्वितीय-खान सुरक्षा एवं बचाव विभाग’’, ’’तृतीय-उत्पादन विभाग’’ को प्रदान किया गया। ’’वर्ग दो-गैर तकनीकी स्वरूप के विभाग’’ में ’’प्रथम-अधिकारी स्थापना विभाग’’, ’’द्वितीय-पीएफ-पेंशन विभाग’’ एवं ’’तृतीय- सुरक्षा विभाग’’ को प्रदान किया गया जबकि क्षेत्रीय कार्यालयों हेतु ’’प्रथम-कोरबा क्षेत्र’’, ’’द्वितीय-जोहिला क्षेत्र’’ , ’’तृतीय-हसदेव क्षेत्र’’ को प्रदाय किया गया । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक उद्घोषणा का दायित्व उप प्रबंधक (राजभाषा) श्रीमती सविता निर्मलकर ने निभाया।