कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) ने वर्ष 2027 तक 1404 मिलियन टन (MT) और वर्ष 2030 तक 1577 एमटी कोयला उत्पादन (Coal Production) करने की योजना बनाई है। वर्तमान में कोयले का उत्पादन स्तर लगभग एक बिलियन टन प्रति वर्ष है। चालू वर्ष के लिए घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्र को लगभग 821 मीट्रिक टन कोयला आपूर्ति किया गया।
कोयला मंत्रालय ने 2030 तक देश में जोड़ी जाने वाली अतिरिक्त 80 गीगावॉट थर्मल क्षमता की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त कोयले की आवश्यकता महसूस की है। अतिरिक्त थर्मल क्षमता के लिए कोयले की आवश्यकता 85 प्रतिशत पीएलएफ पर लगभग 400 मीट्रिक टन होगी, और वास्तविक आवश्यकता नवीकरणीय स्रोतों के योगदान के कारण आने वाले समय में उत्पादन जरूरतों के आधार पर कम हो सकती है।
कोयला मंत्रालय की उत्पादन वृद्धि योजना में अतिरिक्त मात्रा में कोयले का उत्पादन करने की योजना है और यह ताप विद्युत संयंत्रों को घरेलू कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
उत्पादन योजना में नई खदानें खोलना, खदानों की क्षमता का विस्तार और कैप्टिव/वाणिज्यिक खदानों से उत्पादन शामिल है। ये सभी तीन प्रचालनगत घटक योगदान दे रहे हैं और आगे की वृद्धि के लिए स्पष्ट योजनाएं हैं। वर्ष 2027 और 2030 के लिए उत्पादन योजनाएं देश में थर्मल पावर प्लांटों की संभावित घरेलू आवश्यकता से कहीं अधिक होंगी, जिसमें संभावित अतिरिक्त क्षमता भी शामिल है।
जहां तक चालू वर्ष के लिए कोयले की स्थिति का सवाल है, स्टॉक बनना आरंभ हो गया है और थर्मल पावर प्लांटों में कोयले का स्टॉक अब लगभग 20 मीट्रिक टन हो चुका है और खदानों में यह 41.59 मीट्रिक टन है। कुल स्टॉक (ट्रांजिट और कैप्टिव खदानों सहित) पिछले वर्ष के 65.56 मीट्रिक टन की तुलना में 73.56 मीट्रिक टन है, जो 12 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि दर्शाता है।
कोयला, बिजली और रेल मंत्रालय पूरे समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। इसी के अनुरूप कोयले की सुचारू आपूर्ति बनाए रखी गई है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के लिए सबसे कम टीपीपी स्टॉक 16.10.23 को था, उसके बाद थर्मल पावर प्लांट और खदान में स्टॉक का निर्माण शुरू हो गया है। घरेलू कोयला आधारित संयंत्र के लिए बिजली उत्पादन में वृद्धि 8.99 प्रतिशत है जबकि कोयला उत्पादन में वृद्धि वार्षिक आधार पर (अभी तक) 13.02 प्रतिशत है। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीनों के दौरान, थर्मल पावर की मांग पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़ गई है।