Uttarkashi Silkyara tunnel rescue operation : बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू किए गए श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना और उन्हें 1- 1 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया।
इसी तरह सरकार सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू आपरेशन को सफल बनाने वाले प्रत्येक को 50- 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
यहां बताना होगा कि सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में रैट माइनर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तमाम विकल्पों के असफल होने के बाद रैट माइनर्स को काम पर लगाया गया था।
12 रैट माइनर्स, जिनके अथक प्रयास से श्रमिक टनल से बाहर निकाले जा सके : 1. वकील हसन 2. मुन्ना कुरैशी 3. फ़िरोज़ 4. मोनू 5. नसीम 6. इरशाद 7. अंकुर 8. राशिद 9. जतिन 10. नासिर 11. सौरभ 12. देवेन्द्र
रैट होल माइनिंग क्या है?
रैट का मतलब है चूहा, होल का मतलब है छेद और माइनिंग मतलब खुदाई। साफ है कि छेद में घुसकर चूहे की तरह खुदाई करना। इसमें पतले से छेद से पहाड़ के किनारे से खुदाई शुरू की जाती है और पोल बनाकर धीरे-धीरे छोटी हैंड ड्रिलिंग मशीन से ड्रिल किया जाता है। हाथ से ही मलबे को बाहर निकाला जाता है।
रैट होल माइनिंग नाम की प्रोसेस का इस्तेमाल आम तौर पर कोयले की माइनिंग में होता रहा है। झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर पूर्व में रैट होल माइनिंग होती है, लेकिन रैट होल माइनिंग काफी खतरनाक काम है, इसलिए इसे कई बार बैन भी किया जा चुका है।
दो तरह से होती है रैट होल माइनिंग
1. साइड कटिंग प्रोसीजर : इस प्रक्रिया में पहाड़ के ढलान से इसमें छेद बनाकर खुदाई शुरू की जाती है। वो अंदर की तरफ घुसकर खुदाई करना शुरू कर रहे हैं और टारगेट की तरफ खुदाई करते हुए आगे बढ़ते हैं। पीछे से सपोर्टिंग स्टाफ मलबा बाहर निकलता रहता है।
2. बॉक्स कटिंग प्रोसीजर : इसमें एक चौड़ा गड्डा खोदा जाता है। फिर इसमें एक उर्ध्वाधर गड्डा खोदा जाता है। वर्टिकली खुदाई करते-करते उस टारगेट तक पहुंचा जाता है, जहां माइनिंग की जाती है।
रैट होल माइनिंग कई चुनौती साथ में लेकर आती है। रैट माइनर्स की सुरक्षा और पर्यावरण को नुकसान दोनों का इसमें खतरा होता है। रैट होल माइनिंग भारत में बड़े पैमाने पर अनरेगुलेटेड तरीके से होती है।