कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपनी पहल के अंतर्गत, आज छह वाणिज्यिक कोयला खदानों के लिए निहित आदेश जारी किए और दो खदानों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

इन 6 कोयला खदानों में से, जिनके निहितार्थ आदेश जारी किए गए थे, दो कोयला खदानें पूरी तरह से खोजी गई खदानें हैं और शेष आंशिक रूप से खोजी गई हैं। जिन 6 कोयला खदानों के लिए निहित आदेश जारी किए गए हैं, उनकी संचयी पीआरसी 7.00 एमटीपीए है और इनमें 2,105.74 मीट्रिक टन भूवैज्ञानिक भंडार हैं। इन खदानों से सालाना 1,050 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की आशा है और इससे पीआरसी के आधार पर गणना की गई 787.59 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आकर्षित होने की संभावना है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 9,464 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

इसके अलावा, दो पूरी तरह से खोजी गई खदानों के लिए कोयला ब्लॉक विकास और उत्पादन समझौते (सीबीडीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए।

कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने सभी सफल बोली लगाने वालों को बधाई दी और उनसे कोयला ब्लॉक परिचालन में तेजी लाने का आग्रह किया और अपेक्षित स्वीकृति प्राप्त करने में कोयला मंत्रालय के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

इस कदम के साथ, अब तक 151.50 एमटीपीए की संचयी पीआरसी के साथ 80 कोयला खदानों के लिए निहित आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप कोयला खदान की पीआरसी के आधार पर गणना से राज्य सरकार को 23,596.75 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा और इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 2,04,821 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

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