सरकार ने चार हजार सात सौ 97 करोड़ रुपये की लागत से पृथ्वी विज्ञान योजना (earth science scheme) लागू करने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज यह फैसला किया गया। इस योजना में फिलहाल जारी पांच स्कीमों को शामिल किया जाएगा।
ये हैं- वातावरण और जलवायु अनुसंधान- मॉडलिंग आब्जर्विंग सिस्टम्स एंड सर्विसेज-ए सी आर ओ एस एस, समुद्री सेवाएं, मॉडलिंग एप्लीकेशन, संसाधन और प्रौद्योगिकी- ओ स्मार्ट, पोलर साइंस एंड क्रायोस्फेयर्स रिसर्च- पी ए सी ई आर, सीस्मोलोजी एंड जियोसाइंसिज- एस ए जी ई और अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और आउटरीच- आर ई ए सी एच ओ यू टी।
पृथ्वी विज्ञान योजना का उद्देश्य भू-प्रणाली और परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेत रिकॉर्ड करने के लिए वातावरण, समुद्र, भू-मण्डल, हिम-मण्डल और पृथ्वी के ठोस हिस्से का दीर्घकालिक अवलोकन करना है। मौसम, समुद्र और जलवायु खतरों को समझने और अनुमान लगाने तथा जलवायु परिवर्तन के विज्ञान को समझने के लिए मॉडलिंग प्रणालियों का विकास करना भी इसका उद्देश्य है।