प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर, बोचसनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था मंदिर (Boch Sanvasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha Temple) का उद्घाटन किया। मध्य पूर्व में भारतीय समुदाय के लिए यह एक एतिहासिक क्षण था।
उद्घाटन के बाद, प्रधानमंत्री ने संतों के साथ मंदिर में देवताओं की पूजा की। उन्होंने पारंपरिक प्रार्थनाओं और अनुष्ठानों में भाग लिया। यह इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच धार्मिक स्वतंत्रता और गहरे संबंधों के प्रतीक के रूप में खड़ा है। इसे अगले महीने की पहली तारीख को जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
आज इसके भव्य उद्घाटन को देखने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान के उदार भूमि दान और भारतीय तथा संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों के बिना संभव नहीं होती।
27 एकड़ में फैला, 108 फुट ऊंचा और गुलाबी बलुआ पत्थर से बना यह भव्य मंदिर समावेशन की भावना का प्रतीक है। मंदिर की ओर जाने वाला मार्ग चेक गणराज्य से आयातित पेड़ों से सजाया गया है।
इस पथ के साथ, तीन जल निकायों को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है, जो प्रतीकात्मक रूप से प्राचीन भारत की पवित्र नदियों – गंगा, यमुना और सरस्वती का प्रतिनिधित्व करते हैं।