नागपुर, 09 जुलाई। खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS), धनबाद द्वारा कोयला खनन उद्योग में व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर नागपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला प्रभात कुमार, खान सुरक्षा महानिदेशक, धनबाद की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों में खान सुरक्षा महानिदेशालय के अन्तर्गत कार्यरत खान सुरक्षा अधिकारी, निदेशकगण के साथ कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों में खान सुरक्षा से संबंधित शीर्ष कमेटियों में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी श्रम संगठन के प्रतिनिधिगण मुख्य रूप से शामिल हुए।

बैठक में आये सभी श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने कोयला खदानों में शून्य दुर्घटना पर अपने- अपने विचार रखे। किसी ने दुर्घटनाओं में प्रबंधन की लापरवाही की बात कही तो किसी ने प्रबंधन द्वारा खदानों में सुरक्षा के नाम पर मात्र ख़ानापूर्ति किये जाने, तो किसी ने खान सुरक्षा को लेकर और भी कड़े क़ानून बनाने की बात पर ज़ोर दिया।

बैठक में हिन्द मज़दूर सभा (HMS) की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं जेबीसीसीआई- सह- मानकीकरण कमेटी सदस्य शिवकुमार यादव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि खदानों में सुरक्षा व शून्य दुर्घटना को लेकर नये क़ानून बनाये जाने से पूर्व वर्तमान में लागू क़ानून जो कि अपने आप में पर्याप्त हैं उन क़ानूनों का खदानों में सख्ती से पालन कराये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि जब कोई दुर्घटना घटित होती है तो उस पर केवल कुछ दिन चर्चा व जांच- पड़ताल कर उसे ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है। यदि एक बार किसी भी अधिकारी पर सुरक्षा अधिनियमों के तहत कार्रवाई कर दी जाये तो वह अन्य अधिकारियों के लिए एक मिसाल होगी तब कभी भी कोई भी खान प्रबंधक अथवा खान अधिकारी कोयला उत्पादन के नाम पर सुरक्षा की अनदेखी नहीं करेगा।

श्री यादव ने कहा कि कोयला खदानों में कार्यरत विभागीय एवं ठेकेदारी कर्मचारियों को न सिर्फ़ काग़ज़ों में बल्कि वास्तविकता में ट्रेनिंग देने की ज़रूरत है, जो कि अक्सर नहीं होती है। उन्होंने बताया कि खदानों के विस्तार/उत्पादन बढ़ाने हेतु भूमि की आवश्यकता होती है किन्तु जब किंही कारणवश प्रबंधन के पास खान विस्तार/उत्पादन हेतु अतिरिक्त भूमि नहीं होती है अथवा भूमि अधिग्रहण में विलंब है तब ऐसे समय में प्रबंधन द्वारा उक्त खदान में सुरक्षा को दरकिनार कर व मज़दूरों की जान जोखिम में डालकर खदान की अत्यधिक गहराई में जाकर उत्पादन किया जाता है। जिसके कारण सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं, इसलिए प्रबंधन के पास यदि खान विस्तार/कोयला उत्पादन हेतु अतिरिक्त भूमि नहीं तब ऐसी स्थिति में महानिदेशालय द्वारा अत्यधिक गहराई में जाकर उत्पादन करने की अनुमति न देते हुए उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश के साथ उत्पादन कार्य बंद किया जाना चाहिये।

कार्यशाला एनसीएल की जयंत परियोजना (खुली खदान) में घटित दुर्घटना पर श्रम संगठन प्रतिनिधि एवं खान सुरक्षा निदेशालय अन्तर्गत अधिकारियों ने अपनी बात रखी। इसी क्रम में कोयला श्रमिक सभा के जितेन्द्र मल्ल ने एनसीएल में घटित दुर्घटना एवं कुछ समय पूर्व वेकोलि की तवा खदान में हुई दुर्घटना पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डालते हुए दुर्घटना के मुख्य कारणों से सुरक्षा महानिदेशक को बिंदुवार अवगत कराया।

  • Website Designing