नई दिल्ली, 10 जुलाई। भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अखिल भारतीय पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर ईएसआई (ESI) और ईपीएफ (EPF) पात्रता की अधिकतम सीमा को दोगुना करने की मांग की।
मंत्री को बताया गया कि मौजूदा अधिकतम सीमा बहुत कम है और आय और कीमतों में वृद्धि के अनुरूप नहीं है। आगे और वृद्धि से योजनाओं का दायरा श्रमिकों के बड़े वर्ग तक बढ़ जाएगा। बीएमएस नेतृत्व ने वेतन संहिता- 2019 और सामाजिक सुरक्षा 2020 को जल्द लागू करने की भी मांग रखी।
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बीएमएस ने कहा कि जहां तक आम श्रमिकों का सवाल है, ये दोनों संहिताएं ऐतिहासिक और क्रांतिकारी हैं। वेतन संहिता देश के अंतिम श्रमिक तक न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करेगी। सामाजिक सुरक्षा संहिता 43 करोड़ असंगठित श्रमिकों सहित कार्य जगत को कई सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करती है। ये दोनों संहिताएं श्रम कल्याण लाभों के सार्वभौमिकरण की दिशा में बड़े कदम हैं। अन्य दो संहिताएं औद्योगिक संबंध संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संहिता में कई श्रमिक विरोधी प्रावधान हैं जिन्हें बदलने की जरूरत है। ओएसएच कोड में श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर भी काफी प्रगति की गई है, लेकिन कोड में निर्धारित सीमा सीमा के कारण लाभ सीमित हो गए हैं।
बीएमएस ने मंत्री से श्रम संहिताओं पर सभी ट्रेड यूनियनों के साथ विस्तृत विचार- विमर्श करने और कोड की खामियों को दूर करते हुए जल्द से जल्द इसे लागू करने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को कर्मचारी राज्य बीमा योजना में तत्काल सुधार, अस्पताल सुविधाओं में सुधार और पैनलबद्ध अस्पतालों के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने की आवश्यकता के बारे में भी आश्वस्त किया।
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बीएमएस प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने और वीडीए के साथ इसे आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने का अनुरोध किया। प्रतिनिधिमंडल ने श्रम से संबंधित विभिन्न अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, मंत्रालय मांगों पर काम करेगा और कहा कि सरकार श्रमिकों के हितों के प्रति इच्छुक है।
प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष हिरणमय पंड्या, महासचिव रवींद्र हिमते, पूर्व अध्यक्ष साजी नारायणन, पूर्व महासचिव वृजेश उपाध्याय, संगठन सचिव बी. सुरेंद्रन, उप संगठन सचिव गणेश मिश्रा, श्रम बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र पांडे और ईएसआईसी सदस्य एस. दुरैराज शामिल थे।