कोरबा, 02 अगस्त। एसईसीएल (SECL), कुसमुंडा प्रबंधन की मानसून प्रिपरेशन की तमाम खामियों की वजह से 27 जुलाई को ओव्हर बर्डन में लैंड स्लाइड हुआ और सहायक प्रबंधक (माइनिंग) जितेन्द्र नागरकर की बह कर मलबे में दबने से मौत हो गई। कंपनी सुरक्षा समिति के सदस्य बी धर्माराव की जांच रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है।

इस जांच रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि महाप्रबंधक, कुसमुंडा राजीव सिंह ने अपनी गलतियों छिपाने के लिए लिखित तौर पर जितेन्द्र नागरवार पर ही मौत की जिम्मेदारी थोप दी थी।

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कंपनी सुरक्षा समिति के सदस्य बी धर्माराव ने 30 जुलाई, 2024 को जांच प्रतिवेदन एसईसीएल सीएमडी को सौंपा है। सौंपा गया जांच प्रतिवेदन यहां हू-ब-हू प्रकाशित किया जा रहा है, पढ़ें और बताएं की दोषी कौनः

घटना का विवरण

घटना दिनांक 27/07/2024 को गोदावरी कोल फेस के इंचार्ज श्री जितेंद्र विनायक नागरकर अपने साथी ओव्हरमैन एवं माईनिंग सरदार के साथ गोदावरी कोल फेस के दक्षिण दिशा में जहां सरफेस माईनर चल रहा था, वहां श्री जितेंद्र विनायक नागरकर कार्य करा रहे थे। लगभग 2ः30 बजे तेज बारीश शुरू हो गई और करीब 3 घंटे तक तेज बारिश हुई। तेज बारिश की वजह से श्री जितेंद्र विनायक नागरकर ने फेस में काम बंद कराया और सभी मशीनों को सरफेस माईनर सहित उपर की तरफ सुरक्षित स्थान पर पहुंचवा दिया तथा अपने साथी ओव्हरमैन, माईनिंग सरदार व प्राईवेट कंपनी एस.एस.एस.टी.वी. व जय अंबे कंपनी के सुपरवाईजर को लेकर रेस्ट सेल्टर में आ गए, जो नीचे सम्प के पास रखा हुआ था। धीरे-धीरे पानी का बहाव और तेज हो गया, जिसकी वजह से रेस्ट सेल्टर सम्प में डुब गया।

श्री जितेंद्र विनायक नागरकर एवं उनके साथी रेस्ट सेल्टर से कूदकर बाहर आ गए। चूंकि उपर की तरफ से ही पानी आ रहा था और चारो तरफ ओ.बी. डंप किया हुआ था और दुसरा कोई बचाव का रास्ता नहीं था इसलिए शायद मजबूरी में सभी लोग धारा के विपरित दिशा में एक-दुसरे का हाथ पकड़कर मानव श्रंखला बनाकर निकलने का प्रयास करने लगे। जिसमें निकलते समय श्री जितेंद्र विनायक नागरकर का पांव फिसल गया और एक साथी के साथ सम्प में समा गए। जिस साथी का हाथ श्री जितेंद्र विनायक नागरकर ने पकड़ रखा था उसे बाद में बचा लिया गया लेकिन श्री जितेंद्र विनायक नागरकर तेज बहाव के कारण सम्प में काफी दूर जाकर डुब गए। उन्हें रातभर खोजा गया किन्तु वे नहीं मिल पाए। घटना के दुसरे दिन सुबह उनका मृत शरीर निकाला जा सका।

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अवलोकन यानी खामियां

  • जहां कार्य चल रहा था वो खान का सबसे गहरा भाग था, पूरे खदान का पानी वहां जमा हो रहा था। उस स्थल पर पर्याप्त पानी निकासी की व्यवस्था नहीं थी। Hume Pipe के भरोसे पानी निकासी किया जा रहा था। Hume Pipe जाम हो गया और Hume Pipe के उपर से पानी बहने लगा, जिसकी वजह से रेस्ट सेल्टर (गुमटी) सम्प में बह गया ।
  • सीएमआर 101 (1) का स्पष्ट उलंघन करते हुए डंपिंग के बगल में Haul Road बनाई गई थी जिसकी चौड़ाई मानकता के हिसाब से नहीं थी। डम्प के उपर में पानी जमा हो रहा था फलस्वरूप भारी बारिश के साथ-साथ डम्प में जमा पानी भी तेजी के साथ नीचे गोदावरी कोल फेस के कार्य क्षेत्र के पास किचड़ के साथ जाने लगी। जिसकी वजह से श्री जितेंद्र विनायक नागरकर एवं उनके साथी को बाहर आने में सुरक्षित स्थान तक दिक्कत हो रही थी।
  • सीएमआर 109 (1) का स्पष्ट उलंघन करते हुए एक ही हॉल रोड से लोडेड व अनलोडेड टिपर का परिचालन किया जा रहा था, जिसकी चौड़ाई भी मानकता के हिसाब से सही नहीं थी।
  • Steep Gradient होने की वजह से पानी तेजी से नीचे की ओर आ रही थी। कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मचारियों का बाहर निकालने या उपर आने का कोई दूसरा रास्ता नहीं था इसलिए सभी कर्मचारी उसमें फंस गए।

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अन्य अवलोकनः

  • सम्प के बगल में कार्य चल रहा था, जहां सरफेस माइनर चल रहा था वहां High Wall बन गया है. करीब 130 से 140 फिट उपर से बोल्डर या पत्थर इत्यादि गिरने से नीचे काम करने वाले कर्मचारियों की जान खतरे में पड़ सकती साथ ही इससे मशीनों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
  • सम्प एरिया में डम्पिंग हो रही थी, जिससे Dump Slide होने का खतरा हमेशा बना रहता है फिर भी सम्प में डम्प किया जा रहा था।
  • गोदावरी कोल फेस के तीनों तरफ डम्प किया गया है, इससे Dump Slide होने का खतरा रहता है। इस तरह की असुरक्षित कार्य प्रणाली में कार्य कराया जा रहा था।
  • दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करने से स्पष्ट पता चलता है कि मानसून प्रिपरेशन के तहत कोई जैयारी नहीं की गयी थी।

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सुझाव

  • गोदवारी कोल फेस में 250 से 300 मीटर तक जमीन अधिकृत है इसलिए उपर से सही तरीके से बेंच की उंचाई व चौड़ाई को मेंनटेन करते हुए खनन कार्य किया जाना चाहिए।
  • खदान में सबसे निचले हिस्से में कार्य करने से पूर्व पानी निकासी एवं नियंत्रण करने के पर्याप्त उपाए व व्यवस्थाऐं सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  • One- Way Traffic Rule को अपनाया जाना चाहिए।
  • खनन क्षेत्र के पास में ही ओबी डम्प नहीं किया जाना चाहिए, Dump Slide का खतरा हो सकता है। सीएमआर 108 (3) का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • Rest Shelter को सम्प के पास स्थापित नहीं किया जाना चाहिए।
  • सम्प के करीब कार्य करने से बचना चाहिए, सरफेस माइनर जैसे किमती और भारी मशीनों का डुबने का खतरा हो सकता है।

सार

  • जुलाई वर्ष 2020 में इसी गोदवरी कोल फेस में ठीक इसी तरह ओव्हर बर्डन के मलवे के साथ बारीश का पानी तेजी के साथ सम्प की तरफ आया था और इसी तरह दुर्घटना हुई थी जिसमें एक ठेका श्रमिक सम्प में बह गया था। जिसका मृत शरीर दूसरे दिन निकाला जा सका था। दिनांक 27/07/24 की घटना इस दुर्घटना की पुर्नवृति हैं। प्रबंधन ने वर्ष 2020 में दुर्घटना से कोई सीख नहीं ली, अन्यथा इस तरह की घटना को रोका जा सकता है।
  • सुरक्षा के उपायों को अपनाकर ही कार्य किया जाना चाहिए। सुरक्षा के नियमों / उपायों की अनदेखी इस घटना का मूल कारण है। जिसके कारण श्री जितेंद्र को अपनी जान गंवानी पड़ी। असुरक्षित कार्यप्रणाली एवं प्रबंधन की घोर लापरवाही की वजह से उक्त घटना घटी है।

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