सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने भारत की बढ़ती तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी तेलशोधन क्षमता को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बनाई है। आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी का लक्ष्य 2050 तक भारत की ऊर्जा जरूरतों के आठवें हिस्से को पूरा करने का है। कंपनी के पास कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदलने के लिए नौ रिफाइनरियां, तेल और ईंधन के परिवहन के लिए 20,000 किलोमीटर पाइपलाइन, 99 एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र, 129 विमानन ईंधन स्टेशन और पेट्रोल पंप और एलपीजी एजेंसियों जैसे 61,000 से अधिक खुदरा इकाइयां हैं।

भारत की कच्चे तेल की मांग 2023 में 54 लाख बैरल प्रतिदिन (BPD) से बढ़कर 2050 तक 83 लाख बीपीडी तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कंपनी की वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए हमारा लक्ष्य अपनी शोधन क्षमता को 7.02 करोड़ टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 8.8 करोड़ टन करना है।… साथ ही पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ाना है।”

देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी ने 2047 तक एक हजार अरब डॉलर की कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए कंपनी पारंपरिक तेल शोधन और ईंधन विपणन में वृद्धि के साथ हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग जैसे स्वच्छ ऊर्जा साधनों को बढ़ावा देने पर काम करेगी।

आईओसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 8.66 लाख करोड रुपये (104.6 अरब डॉलर) की आमदनी के साथ 39,619 करोड़ रुपये (4.7 अरब डॉलर) का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। वैद्य ने कहा कि कंपनी जीवाश्म ईंधनों और नवीकरणीय ऊर्जा खंड में निवेश जारी रखेगी, जिससे 2046 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

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