शिलॉन्ग। मेघालय में जिस डॉक्टर ने अपनी पूरी जिंदगी मरीजों का इलाज करने में गुजार दी, जब उनकी मौत हुई तो उन्हें दो गज जमीन के लिए भी दो दिनों तक इंतजार करना पड़ा। दरअसल, मेघालय में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति 69 वर्षीय एक डॉक्टर को गुरुवार को यहां दफना दिया गया। एक शवदाह गृह ने कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के शवों का निपटारा करने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) नहीं होने और स्थानीय लोगों के विरोध का हवाला देते हुए डॉक्टर का बुधवार को अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।
राज्य में बेथानी अस्पताल के संस्थापक जॉन एल सेलिओ रेनथियांग की बुधवार की सुबह मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी समेत उनके परिवार के छह सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बेथानी अस्पताल के शिलांग परिसर और री भोई जिले के नोंगपोह में इसके दूसरे परिसर को सील किया गया और उन्हें संक्रमण मुक्त किया गया। इन दोनों परिसरों में मौजूद सभी लोगों को चिकित्सा प्रतिष्ठान में पृथक-वास में भेजा गया है। रिआसमाथैया प्रेस्बाइटेरियन चर्च ने हालांकि स्वेच्छा से उन्हें दफनाने के लिए स्थान देने की पेशकश की।
राज्य में 216 लोगों की कोराना वायरस के लिए जांच की गई जिनमें से 204 लोग संक्रमित नहीं पाए गए, जबकि छह लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।