नई दिल्ली, 19 अगस्त। सीबीआई (CBI), नई दिल्ली द्वारा नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) के सीएमडी के पीए, सुरक्षा अधिकारी, सप्लायर सहित अन्य छह लोगों पर की गई एफआईआर में मामले का विवरण दर्ज है। बताया गया है कि पार्टस एवं मेटेरियल आपूर्ति का यह खेल साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए का है। हालांकि एफआईआर (FIR) में इस बात का उल्लेख नहीं है। सीबीआई ने छह के अलावा अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। अज्ञात लोगों में एनसीएल, सीबीआई के लोग भी हैं। यानी इस खेल में शामिल कुछ और लोग के नाम भी सामने आएंगे। देखें सीबीआई ने अपनी सूचना में क्या लिखा है :

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एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि मेसर्स संगम इंजीनियरिंग, सिंगरौली (म.प्र.) के निदेशक श्री रविशंकर सिंह नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीआई) के कुछ दोषी अधिकारियों और अन्य अज्ञात लोगों के साथ मिलीभगत करके रिश्वत की रकम वसूल रहे हैं, जिसे एसीबी, सीबीआई, जबलपुर के उप पुलिस अधीक्षक श्री जॉय जोसेफ दामले और अज्ञात अधिकारियों को सीबीआई में उनके खिलाफ लंबित शिकायतों/जांच/जांच के मामलों में अनुकूल रिपोर्ट प्राप्त करने के एवज में दिया जाना है। श्री रविशंकर सिंह एनसीएल अधिकारियों और सीबीआई अधिकारियों के बीच बिचौलिए का काम कर रहे हैं।

सूत्र ने यह भी बताया कि 31.07.24 को श्री रविशंकर सिंह ने श्री कमल सिंह से उनके आवासीय पते का विवरण पिनकोड सहित देने को कहा। उन्होंने आगे बताया कि एक मोबाइल नई दिल्ली से उनके पते पर कूरियर द्वारा पहुंचाया जाएगा, जिसे सीबीआई अधिकारी को दिया जाना है।

सूत्र ने आगे बताया कि उक्त मोबाइल हैंडसेट (आईफोन) और एक सिम कार्ड एसीबी के उप पुलिस अधीक्षक श्री जॉय जोसेफ दामले को दिया गया। सीबीआई, जबलपुर के माध्यम से बिचौलियों अर्थात् श्री कमल सिंह, उप निरीक्षक, एमपी पुलिस, जबलपुर। मेसर्स पंकज ट्रैवल्स के श्री पंकज। जबलपुर और मेसर्स पंकज ट्रैवल्स के कर्मचारी श्री सुकसेन सिंह। मोबाइल 02.08.2024 को और सिम कार्ड 06.08.2024 को एसबीआई चौक, विजयनगर, जबलपुर में डिलीवर किया गया।

सूत्र ने आगे बताया कि 14.08.2024 को श्री रविशंकर सिंह ने श्री कमल सिंह को कर्नल बी. के. सिंह उर्फ बसंत कुमार सिंह या उनके सहयोगी से 5 लाख रुपये की डिलीवरी लेने के लिए कहा, जो कि विजयनगर, जबलपुर में सीबीआई अधिकारी के लिए कर्नल बसंत कुमार सिंह या उनके सहयोगियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले में थे। जब श्री कमल सिंह ने रिश्वत की रकम लेने और देने में अपनी हिचकिचाहट व्यक्त की, तो श्री रविशंकर सिंह ने श्री कमल सिंह को और नहीं मनाया और उनसे कहा कि वे रिश्वत की रकम लोक सेवक तक पहुंचाने के लिए कोई अन्य व्यवस्था देखेंगे। सूत्र ने आगे बताया कि 16.08.2024 को श्री रविशंकर सिंह के निर्देश पर श्री अजय वर्मा, श्री रविशंकर सिंह के एक कर्मचारी ने जयंत बस स्टैंड, सिंगरौली में एनसीएल की सुरक्षा शाखा के एक कर्मचारी से उपरोक्त राशि प्राप्त की थी। आगे यह भी पता चला है कि 17.08.24 को श्री अजय वर्मा ने पुष्टि की कि उन्होंने श्री रविशंकर सिंह के निर्देशानुसार धन एकत्र किया था। श्री रविशंकर सिंह ने श्री अजय वर्मा को श्री रविशंकर सिंह के सहयोगी श्री दिवेश सिंह को यह रकम देने का निर्देश दिया।

सूत्र ने यह भी बताया कि श्री दिवेश सिंह ने उक्त रकम ले ली है और श्री रविशंकर सिंह के निर्देशानुसार उक्त रकम जबलपुर में लोक सेवक को देने के लिए सड़क मार्ग से जबलपुर जा रहे हैं।

सीबीआई एसीबी जबलपुर के उप पुलिस अधीक्षक श्री जॉय जोसेफ दामले की ओर से उपरोक्त कृत्य। श्री रविशंकर सिंह, निदेशक, मेसर्स संगम इंजीनियरिंग, सिंगरौली (म.प्र.), कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) मुख्य सुरक्षा अधिकारी, एनसीएल सिंगरौली, श्री सूबेदार ओझा, प्रबंधक, सीएमडी के सचिव एनसीएल सिंगरौली, श्री दिवेश सिंह, निजी व्यक्ति, श्री कमल सिंह, एसआई, मप्र पुलिस जबलपुर में पदस्थ और एनसीएल और सीबीआई, एसीबी जबलपुर के अज्ञात अधिकारी और अज्ञात अन्य प्रथम दृष्टया कानून की संबंधित धाराओं के तहत दंडनीय अपराध बनते हैं।

इसलिए, भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (2) के तहत पीसी अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7,7ए और 8 के साथ एक नियमित मामला दर्ज किया जाता है, (1) श्री जॉय जोसेफ दामले, उप पुलिस अधीक्षक, सीबीआई, एसीबी, जबलपुर, (2) श्री रविशंकर सिंह, मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के निदेशक, सिंगरौली (मप्र), (3) सेवानिवृत्त कर्नल बसंत कुमार सिंह, मुख्य सुरक्षा अधिकारी, एनसीएल, सिंगरौली, (4) श्री सूबेदार ओझा, प्रबंधक, सीएमडी के सचिव, एनसीआई, सिंगरौली, (5) श्री दिवेश सिंह, निजी व्यक्ति (श्री रविशंकर सिंह के सहयोगी), (6) श्री कमल सिंह, एसएल, मप्र पुलिस, जबलपुर में तैनात और एनसीएल और सीबीआई, एसीबी, जबलपुर के अज्ञात अधिकारी और अज्ञात अन्य।

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सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर देखने पीडीएफ फाइल पर क्लिक करें : CBI Raid Information, NCL Case 17.8.2024

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