कोरोना वायरस की वजह से पनपे संकट के बीच अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) के दामों में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली है। जिसके बाद अब भारत सरकार तेल रणनीति की दिशा की ओर पहल करने पर विचार किया है। डब्ल्यूटीआई क्रूड में भारी गिरावट के बाद ब्रेंट क्रूड के दामों में गिरावट देखने को मिली। कोरोना वायरस महामारी के चलते विभिन्न देशों में लॉकडाउन (बंद)की वजह से कच्चे तेल की मांग गिरी है। इस बीच ब्रेंट कच्चा तेल का भाव 2001 के बाद सबसे नीचे आया है। यूरोपीय मानक ब्रेंट कच्चा तेल उतार-चढ़ाव वाले कारोबार के दौरान 18.10 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बाद में इसमें सुधार देखा गया और यह 21.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। 

भारत बढ़ाएगा रिजर्व

लगातार गिरते दामों के बीच अब भारत भी अपना रिजर्व बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार क्रूड तका रिजर्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इतना ही नहीं आने वाले दिनों में सरकार एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

पिछली बार 14 मार्च को जब सरकार ने 3 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी तो अनुमान जताया गया कि इससे सरकार के खजाने में करीब 39,000 करोड़ रुपए का इजाफा होगा। हालांकि 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए जाने से सरकार को कितना प्रॉफिट होगा अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

कोरोना की वजह से किए गए लॉकडाउन के चलते सरकार को काफी घाटा हो रहा है। ऐसे में उम्मीद तो यही जताई जा रही है कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से सरकार को थोड़ी-बहुत तो राहत मिलेगी। अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक इस बारे में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। जल्द ही सरकार इस पर कोई निर्णय लेगी।

बता दें कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ने की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ेंगे क्योंकि कच्चे तेल की गिरती हुई कीमत की वजह से इसका आयात सस्ता हो गया है और यह सरकार की रणनीति का एक हिस्सा भी है। वैसे भी भारत तो क्रूड आयाल को आयात करता है।

भारत के पास है 9 दिन का रिजर्व

सरकारी सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स ने छापा कि सरकार अब स्ट्रैटेजिक ऑयल रिजर्व भंडार की क्षमता बढ़ाएगी और इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि भारत के पास अभी 5.03 मिलियन टन रिजर्व है जो साढ़े 9 दिन के रिजर्व के बराबर है। सरकार इस रिजर्व को बढ़ाकर 15 से 20 दिन का कर सकती है। जिसका मतलब साफ है कि सरकार 5.03 मिनियम टन से रिजर्व बढ़ाने के बारे में विचार कर रही है। रिपोर्ट्स हैं कि सरकार ने रिजर्व 5.03 से 11.5 मिलियन टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

क्या कम होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम ?

तेल कम्पनी के एक अधिकारी ने बताया कि तेल के दामों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस आधार पर पेट्रोल और डीजल के दामों में 4-5 रुपए की कटौती की गुंजाइश बनती है। बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सवाल उठाए थे कि पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करने की मांग पर सरकार ध्यान क्यों नहीं दे रही है ? बता दें कि दिल्ली में पेट्रोल 69.59 रुपए और डीजल 62.29 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।

कच्चे तेल के दाम क्यों गिरे ?

इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि कारोबारी पहले से बुक किए गए आर्डर की डिलिवरी नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि मांग नहीं है। इस वजह से अमेरिका में कच्चे तेल के दाम नीचे आए हैं। वे तेल को विक्रेता द्धारा उसके भंडार में रखने के लिए उल्टा उसे भुगतान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के निचले दाम लघु अवधि के लिए तो अच्छे हैं, पर दीर्घावधि में यह तेल आधारित अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करेंगे, क्योंकि उत्पादकों के पास खोज और उत्पादन के लिए निवेश करने को अधिशेष नहीं होगा। इससे अंतत: उत्पादन घटेगा।

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