कोरबा, 12 अक्टूबर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा (Kusmunda) के नेगेटिव ग्रोथ ने कंपनी को चिंता में डाल दिया है। कुसमुंडा माइंस का उत्पादन लक्ष्य से काफी पीछे है।

चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में कुसमुंडा खदान से 11.58 मिलियन टन (MT) कोयला उत्पादन दर्ज हुआ। जबकि अप्रेल से सितम्बर तक का टारगेट 21.02 मिलियन टन था। यानी लक्ष्य के मुकाबले उत्पादन 55.09 प्रतिशत ही हो पाया। वित्तीय 2024- 25 के लिए कुसमुंडा के समक्ष 52 मिलियन टन का टारगेट है।

इधर, एसईसीएल के अन्य मेगा प्रोजेक्ट्स गेवरा एवं दीपका का पहली छमाही में प्रदर्शन कुसमुंडा के मुकाबले ठीक रहा है। गेवरा ने 25.70 मिलियन टन के मुकाबले 22.67 मिलियन टन (88.21 प्रतिशत) उत्पादन दर्ज किया। गेवरा का सालाना लक्ष्य 63 मिलियन टन है। दीपका माइंस से 14.15 मिलियन टन (87.51 प्रतिशत) उत्पादन हुआ। पहली छमाही में लक्ष्य 16.17 मिलियन टन था।

एसईसीएल का पहली छमाही में कुल उत्पादन 71.48 मिलियन टन रहा। 2024- 25 के लिए 296 मिलियन टन का टारगेट है।

 

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