बालकोनगर, 28, अक्टूबर, 2024: बालको (Balco), उन्नति परियोजना के अंतर्गत 27 से 29 अक्टूबर 2024 तक बालको टाउनशिप के कोऑपरेटिव परिसर में दिवाली बाजार लगाया गया है। बाजार में दिवाली से जुड़ी सभी सामाग्री विक्रय के लिए उपलब्ध है जो दिवाली की खरीदारी के लिए एक आदर्श स्थान है। हर खरीदारी एसएचजी महिलाओं की ‘आँगन से आसमान’ तक की प्रेरणादायक यात्रा को प्रोत्साहित करती है। कंपनी की ‘उन्नति’ परियोजना जो महिला स्व-सहायता समूह (self-help group) को सशक्त बनाने और संगठित करने का कार्य कर रही है।
एसएचजी महिलाओं ने अनेक स्टॉल लगाया है। डेकोराती स्टॉल पर छत्तीसगढ़ से जुड़ी कला संस्कृति को दर्शाते हुए म्यूरल, गोंकरा, लिप्पन एवं वारली कला के साथ गणपति और सुसज्जित मग इत्यादि उपलब्ध है। दिवाली के रोशनी भरें त्यौहार को देखते हुए नैनो एंटरप्राइज के स्टॉल पर झालर लाइट, दीया, बाती और रंगोली भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इसके साथ ही एसएचजी महिलाओं द्वारा बनाएं झाडू, कपड़े के बैग भी देखने को मिलेगे।
दिवाली बाजार में उनाटी स्टॉल पर चाय, कॉफी, फ्रेंच फ्राइज, शेक और मोमोज के जायके साथ छत्तीसा स्टॉल पर चॉकलेट, नारियल लड्डू, गुलाब पेड़ा, ड्राई फ्रूट चॉकलेट, सलोनी, खाजा, पपची और ठेठरी भी उपलब्ध है। फूड स्टॉल पर समोसा और पकौड़े खाने को मिलेगा। बाजार में सबसे आकर्षित मुशएक्स स्टॉल पर मशरूम से बनी पुलाव, रोल, सूप भी पीने के लिए उपलब्ध है।
इसी तरह समुदाय की अन्य महिलाएं भी उन्नति परियोजना से जुड़कर राखी, गुलाल तथा लक्ष्मी एवं गणेश की मूर्ति बनाने के कौशल से खुद को आर्थिक रूप से मजबूत किया है। बालको ने 12 उत्पाद के साथ 7 सूक्ष्म उद्यम इकाइयाँ स्थापित की हैं। कंपनी अपने संयंत्र के साथ सामुदायिक विकास कार्यों द्वारा महिलाओं को विभिन्न अवसर और कौशल निर्माण में समर्थन के साथ सशक्त बना रहा है जो यह सुनिश्चित करता है कि वे बाधाओं को पीछे छोड़ महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरें। परियोजना के जरिए महिलाओं को अनेक गतिविधियों से जोड़ा गया है जो उन्हें आजीविका प्राप्त करने और खुद के पैरों पर खड़े होने में सहायक बना।
सामुदायिक और सामाजिक सेवाओं के लिए समर्पित एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) जीपीआर स्ट्रैटेजीज़ एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के सहयोग से संचालित होती है। इस परियोजना से कोरबा के 45 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 531 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5768 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है। बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम की मदद से 123 गांवों में सालाना 1.5 लाख से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचा रहा है।