टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (Tata Sons Chairman Chandrasekaran) ने सोमवार को घोषणा की कि एयरबस के सहयोग से स्थापित टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स दो साल के अंदर अपना पहला C-295 सैन्य परिवहन विमान वितरित करने के लिए तैयार कर देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ मिलकर टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड परिसर में सी-295 विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर एन चंद्रशेखरन ने परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। अगले दो वर्षों के भीतर, हम अपने पहले विमान की डिलीवरी देखेंगे।
एन चंद्रशेखरन ने गुजरात के वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के दौरान कहा, “आज से दो साल बाद, हम भारत में निर्मित पहला सी-295 विमान वितरित करेंगे। आपको बता दें, यह अत्याधुनिक सुविधा, सैन्य परिवहन विमान के लिए भारत का पहला निजी उत्पादन संयंत्र है, जिसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दो साल पहले अक्टूबर के ही महीने में इस फैक्ट्री का निर्माण शुरू हुआ था। आज अक्टूबर महीने में ही, ये फैक्ट्री अब एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में इस एयरक्राफ्ट फैक्ट्री में बने विमान, दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट किए जाएंगे। ये फैक्ट्री, भारत-स्पेन संबंधों को मज़बूती देने के साथ ही, मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड इस मिशन को भी सशक्त करने वाली है।
वहीं, एन चंद्रशेखरन ने परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। अगले दो वर्षों के भीतर, हम अपने पहले विमान की डिलीवरी देखेंगे। यह पहल भारत को उन्नत विनिर्माण में आगे बढ़ाएगी, एक विविध कौशल पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगी और एक मजबूत आपूर्ति आधार का निर्माण करेगी। उन्होंने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमारे उद्यमियों और युवा पेशेवरों के लिए उच्च तकनीक के अवसर प्रदान करेगा।”
चंद्रशेखरन ने इसका श्रेय एक दशक पहले इस परियोजना की शुरुआत में उनकी दूरदर्शी भूमिका के लिए टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को दिया। उन्होंने कहा कि मैं अपने कर्तव्य में विफल हो जाऊंगा यदि मैं यह उल्लेख करना भूल जाऊं कि इस परियोजना की मूल रूप से कल्पना एक दशक से भी अधिक समय पहले, 2012 में, तत्कालीन टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा जी द्वारा की गई थी, जिन्होंने एयरबस के साथ संबंध बनाने की पूरी अवधारणा का नेतृत्व किया और एयरबस के साथ इस साझेदारी को बनाया तथा इस अवसर की आधारशिला रखी।
चंद्रशेखरन ने बताया कि टाटा समूह के 200 इंजीनियरों का पहला बैच पहले से ही स्पेन में प्रशिक्षण ले रहा है। उन्होंने कहा, “हमने 40 एसएमई कंपनियों के साथ काम किया है और हम उत्पाद के लिए आवश्यक संपूर्ण स्थानीयकरण के निर्माण के लिए और अधिक कंपनियों को जोड़ेंगे।”
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने टाटा और एयरबस के बीच साझेदारी की प्रशंसा करते हुए इसे भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, भारत को एक औद्योगिक महाशक्ति में बदलने का यह आपका ही विज़न है जो एयरबस और टाटा के बीच सहयोग भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र को काफी आगे बढ़ाएगा और ज्यादा यूरोपीय कंपनियों के लिए बाज़ार में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करेगा। सांचेज ने भारतीय और स्पेनिश कंपनियों के बीच तालमेल पर जोर दिया और टाटा को “दिग्गजों में एक दिग्गज” तथा भारत की औद्योगिक शक्ति का सबसे अच्छा प्रतिनिधि बताया।